Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर देश की राजनीति गरमा गई है। मोदी सरनेम मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद अब राहुल गांधी को सांसद के तौर पर अयोग्य ठहरा दिया गया है। इस मामले को लेकर जहां कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतर गई है, वहीं राहुल गांधी की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही है। हालांकि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के पास उच्च न्यायालय जाने का मौका है, लेकिन पूरी पार्टी इसे सियासी रंग देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रही है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अपराधिक मानहानि मामले में ऊपरी अदालत से यदि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें एक महीने के अंदर दिल्ली स्थित अपना सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ सकता है। यह बंगला राहुल गांधी को वर्ष 2004 में लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद आवंटित किया गया था।

बता दें कि सूरत की एक अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई है। इसके बाद शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया है। सजा सुनाए जाने के साथ ही सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को जमानत देते हुए ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिनों का वक्त दिया है। वहीं आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि राहुल गांधी को लोकसभा से आयोग घोषित कर दिया गया है। इसलिए वह अब सरकारी आवास के हकदार नहीं है। नियमों के मुताबिक उन्हें आयोग के आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर अपना बंगला खाली करना होगा।

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बता दें कि राहुल गांधी वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए में ‘मोदी’ सरनेम वाले भगोड़ों की चर्चा करते हुए उन्हें चोर करार दिया था। राहुल के इस बयान से आहत होकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनपर मानहानि का केस किया था। चार साल बाद सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई है। हालांकि, नेताओं और पहुंच वालों को जमानत मिलने की जो परंपरा रही है, उसी के आधार पर राहुल गांधी को भी जमानत मिल गई। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पास अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का वक्त है।

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