प्रकृति हमें देती है सब कुछ
हम भी तो कुछ देना सीखें।

सूरज हमें रोशनी देता
हवा नया जीवन देती है।
भूख मिटाने को हम सबकी
धरती पर होती खेती है।।

औरों का भी हित हो जिससे
ऐसा कुछ हम करना सीखें।1।

धूप ताप से हमें बचाने
पेड सदा देते हैं छाया।
रहें स्वस्थ वे औषधि देते
रहे निरोगी सबकी काया।।

त्यागी तरुओं के जीवन से
हम परहित कुछ करना सीखें।2।

प्रश्न नहीं हम समाधान हैं
खड़ी समस्याओं का उत्तर दें।
चुनें चुनौती नित करें साधना
कर्तव्य पूर्ति कर प्रति उत्तर दें।।

कर्म योग का दीप जलाकर
नया उजाला करना सीखें।3।

लोकभारती ध्येय साधना
प्रकृति पंथ के हम सब राही।
साथ सभी को लेकर चलना
राष्ट्र भाव के बनें सिपाही।।

प्रकृति हितैषी मार्ग चुनें हम
ले समाज को बढना सीखें।4।

-बृजेंद्र पाल सिंह

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