पटियाला: पंजाब के पटियाला में शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद तनाव चरम पर है। राज्य के बिगड़े हालात को देखते हुए भगवंत मान की सरकार ने शहर में अस्थाई रूप से मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक मामले में 4 FIR दर्ज की जा चुकी है। वहीं, हिंसा के विरोध में कई संगठनों ने शहर बंद का भी आह्वन किया है। बता दें कि पटियाला में खलिस्तान विरोधी रैली के दौरान काली मंदिर के बाहर दो समूहों में झड़प हो गई थी। इस हिंसा में दो पुलिसकर्मी सहित 4 लोग घायल हो गए थे।
घटना के बाद पंजाब में तनाव काफी बढ़ गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी और जांच के आदेश दिए थे। वहीं खबर आ रही है कि पुलिस के तीन बड़े अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। इन अधिकारियों में आईजी अग्रवाल के अलावा एसएसपी सिंह और एसपी वजीर सिंह का नाम शामिल है।
इसे भी पढ़ें: देश में बढ़ा पावर कट का संकट
उधर पटियाला उपायुक्त ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर सुबह 9.30 से लेकर शाम 6 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि घटना को लेकर FIR दर्ज की जा चुकी हैं और पुलिस आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। पटियाला एसएसपी नानक सिंह ने किसी अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
गौरतल है कि इससे पहले भी पटियाला पुलिस ने जिले में 11 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया था। पंजाब सरकार ने घटना के एक दिन बाद ही पटियाला आईजी राकेश अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की है। घटना का विरोध कर रहे हिंदू संगठनों ने ‘खालिस्तान समर्थकों’ को गिरफ्तार करने की मांग की है।
यह है मामला
बताते चलें कि शिवसेना (बाल ठाकरे) की तरफ से ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ का आयोजन किया था। इस दौरान समूह की कुछ निहंगों समेत सिख कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। इसके बाद बाद दोनों समूहों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई और नारे लगाए गए। घटना के बाद बढ़े आक्रोश को जिले में शुक्रवार शाम 7 से लेकर शनिवार सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया था। शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री का जनता दर्शन में उजागर हुई अधिकारियों की लापरवाही