अभयराम यादव

गोंडा: अपराधियों और नेताओं के बीच गठजोड़ कोई नई बात नहीं है। अपराधी पहले नेताओं से संरक्षण हासिल करते हैं और आगे चलकर राजनेता बनकर इस परंपरा को आगे बढ़ते हैं। ऐसा हम नहीं कहते बल्कि आंकड़े बताते हैं। ये आंकड़े गोंडा जनपद के परसपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सभा विशुनपुर कला के रूपी गांव पर एकदम सटीक बैठते हैं। जहां हत्या जैसे जघन्य मामले में आरोपी को परसपुर पुलिस छह महीने से नहीं गिरफ्तार कर पाई। कोर्ट के दबाव और मीडिया में आई खबरों के बाद पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र की तरफ से आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित होने पर शुक्रवार को आरोपी ग्राम प्रधान पुत्र सूर्य प्रताप उर्फ छोटू सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। चर्चा है कि आरोपी क्षेत्रीय बीजेपी विधायक अजय सिंह के संरक्षण में छिपा हुआ था।

गौरतलब है कि मामला गत वर्ष 3 सितंबर, 2021 का है। रूपी पुरवा निवासी शिवकुमार मिश्र पुत्र राजाराम मिश्र ने आवास योजना में भ्रष्टाचार को लेकर ग्राम प्रधान की शिकायत कर दी थी। प्रधान के खिलाफ शिकायत से उनके बेटे इतने नाराज हुए कि अपने समर्थक दीनानाथ पाठक के साथ मिलकर शिवकुमार मिश्र पर लाठी डंडों से जानलेवा हमला बोल दिया। बताया जाता है कि राजनीतिक दबाव में परसपुर पुलिस ने इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया। वहीं हमले में घायल शिवकुमार मिश्र की 4 सितंबर को इलाज के दौरान मौत के बाद पुलिस अपनी नाक बचाने के लिए हरकत में आई। आनन फानन में मृतक के पिता राजाराम मिश्र की शिकायत पर प्रधान के बेटों समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

accused of murder

आरोपी प्रदीप सिंह, सत्यनारायण सिंह व दीनानाथ पाठक को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। इसके कुछ महीने बाद आरोपी अजय प्रताप सिंह व जितेंद्र प्रताप सिंह ने भी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस विवेचना में प्रधान पुत्र सूर्य प्रताप उर्फ छोटू सिंह का नाम भी प्रकाश में आया। लेकिन वह तब से फरार चल चल रहा था। कोर्ट के दबाव और मीडिया में आई खबरों के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बीती 22 अप्रैल को तीन टीमों का गठन किया। इसमें थाना परसपुर के प्रभारी निरीक्षक संदीप सिंह, थाना कटरा बाजार के प्रभारी सुधीर सिंह व एसओजी सर्विलांस प्रभारी सुनील कुमार सिंह शामिल थे। पुलिस का शिकंजा कसता देख आरोपी सूर्य प्रताप उर्फ छोटू सिंह ने शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सूर्य प्रताप उर्फ छोटू सिंह के आत्मसमर्पण के बाद क्षेत्रीय बीजेपी विधायक अजय कुमार सिंह चर्चा में आ गए हैं। क्षेत्र में विधायक के संरक्षण देने की चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं।

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ज्ञात हो कि सात महीने की फरारी काटने के बाद आरोपी सूर्य प्रताप गिरफ्तारी से बचने के लिए 14 मार्च को बीमारी का बहाना बनाकर कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले आया था। जोकि 14 अप्रैल को खत्म होने के बाद पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने 22 अप्रैल को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 3 टीमों का गठन किया था। बता दें कि आरोपियों के लिए हत्या जैसी घटना कोई नई बात नहीं है। आरोपी के पिता स्व. दानपाल सिंह ने भी कई साल पहले ग्राम सभा छतोनी निवासी युवक की डैहरास चौराहे पर गोली मार कर हत्या कर दी थी, जिसमें करीब 3 साल बाद सुलह समझौता हो गया था।

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