देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूट जाने से धौली गंगा नदी में विकराल बाढ़ आई और पारिस्थितिकीय रूप से नाजुक हिमालय के हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक प्रवक्ता ने तपोवन-रेनी में एक विद्युत परियोजना प्रभारी को उद्धृत करते हुए कहा कि परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूरों की मौत की आशंका है। उन्होंने बताया कि तीन शव बरामद किये गए हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कहा कि बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है।

ग्लेशियर टूटने पर यूपी में हाई अलर्ट

उत्तराखंड में बांध टूटने से मची तबाही के मद्देनजर यूपी में भी हाई अलर्ट किया गया। मुख्यमंत्री योगी ने यूपी के संबंधित विभागों और अफसरों को निर्देश दिया है कि घटना पर नजर रखी जाए। एसडीआरएफ को भी अलर्ट किया जाए। मुख्यमंत्री योगी ने गंगा नदी के किनारे पडऩे वाले सभी जिलों के डीएम और एसपी को पूरी तरह सतर्क रहने के भी निर्देश दिए। वहीं राहत आयुक्त ने सभी डीएम को आपदा चेतावनी जारी की है। राहत आयुक्त ने कहा कि गंगा नदी पर जिलों को हाई अलर्ट पर रहने की आवश्यकता है और जल स्तर की निरंतर निगरानी जरूरी है। यदि आवश्यक हो तो लोगों को बाहर निकालने और सुरक्षित स्थान पर ले जाने के भी निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी फ्लड कंपनी को अलर्ट पर रहने को कहा है।

 आईटीबीपी कीजयकारों से गूंज उठामाहौल

उत्तराखंड के चमोली  जिले में ‘जय ब्रदी विशाल’, और  ‘आईटीबीपी की जय’ जयकारों से पूरा माहौल गूंज उठा जब आईटीबीपी के बहादुर जवानों ने सुरंग में फंसे मजदूरों को कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया। उत्तराखंड में रविवार को ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही के बाद चमोली के तपोवन इलाके में मजदूरों के शव को भी बरामद कर लिया गया है। ग्लेशियर से मची तबाही में फंसे सुरंग से सुरक्षित निकले ग्रामीणों के चेहरों पर बीते कई घंटों का खौफनाक मंजर साफतौर से झलक रहा था। मौत के मुंह से जिंदा वापस आने की खुशी सभी के चेहरों पर देखी जा सकती थी। सुरंग में कई घंटों तक फंसे रहने के बाद जब लोग सकुशर बाहर निकले तो धरती चूमने के साथ ही आईटीबीपी के बहादुर जवानों का धन्यवाद करते नहीं थक रहे थे। बता दें कि आईटीबीपी के बहादुर जवानों ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद सुरंग में फंसे करीब 12 ग्रामीणों को सकुशल बाहर निकल दिया।

श्रावस्ती के पांच श्रमिक लापता

उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में अचानक आई बाढ़ से हुई तबाही में श्रावस्ती के पांच श्रमिक भी लापता हैं। सभी यहां ऋषि गंगा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट निर्माण में मजदूरी कर रहे थे। साथ काम कर रहे तीन लोग सुरक्षित हैं। सुरक्षित बचे लोगों ने सूचना गांव में दी तो मातम पसर गया। श्रमिकों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। दरअसल, सिरसिया थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोतीपुरकला के रनियापुर निवासी हीरालाल, राजेश, राजू, वेद प्रकाश, प्रभुनाथ, छोटू, हरीलाल व अजय गांव के अन्य युवाओं के साथ आठ नवंबर को मजदूरी के लिए उत्तराखंड गए थे। यहां चमोली जिले के तपोवन में निर्माणाधीन ऋषि गंगा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में सभी लोग काम कर रहे थे। लगभग एक माह पूर्व आठ लोगों को छोड़कर गांव के अन्य युवा घर लौट आए थे। रविवार को कार्य स्थल पर ही अचानक पानी का तेज बहाव आने से निर्माणाधीन हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का बांध ढह गया। इसमें पानी के तेज बहाव के साथ अजय, प्रभुनाथ, छोटू, हरीलाल व वेद प्रकाश भी लापता हो गए। सुरक्षित बचे हीरालाल, राजेश व राजू ने सुबह करीब साढ़े 11 बजे फोन कर गांव में इसकी सूचना दी। इसके बाद पूरे गांव में मातम पसर गया।
 

सिंचाई विभाग सतर्क

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से आई जल आपदा को लेकर उत्तर प्रदेश का सिंचाई महकमा भी सतर्क हो गया है। विभाग के नियंत्रण कक्ष में अभियंता 24 घंटों के लिए तैनात किए गए हैं। विभाग के अभियंता और यूपी इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव आशीष यादव ने बताया कि रविवार की रात हरिद्वार से करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी यूपी में गंगा नदी में अतिरिक्त आने के आसार हैं।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ त्रासदी के समय हरिद्वारा से यूपी में करीब साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी पास हुआ था। श्री यादव ने कहा कि चूंकि सिंचाई विभाग ने गंगा नदी से निकलने वाली सभी नहरों की सिल्ट सफाई पहले ही समुचित तौर पर करवा रखी है। इसलिए यूपी में गंगा नदी में जल स्तर बहुत ज्यादा बढऩे की उम्मीद नहीं हैं, हां यह जरूर है कि गंगा के जल प्रवाह में कुछ तेजी आ सकती है।

 

Spread the news