हैदराबाद: कोरोना के खिलाफ योगी सरकार की मुहिम को अब और मजबूती मिलने वाली है। हैदराबाद में टीम योगी ने स्थानीय कंपनी इंस्टाशील्ड के साथ एक एमओयू साइन किया है। यह एक मेडिकल इक्विपमेंट कंपनी है, जिसका दावा है कि इसकी इंस्टाशील्ड नामक मेडिकल डिवाइस सार्स कोविड समेत हर तरह के वायरस को दूर करने में 99.9 प्रतिशत कारगर है। इस डिवाइस को मार्च 2022 में लॉन्च किया गया था और आज कंपनी का टर्नओवर 10 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है।
कंपनी के ओनर्स ने योगी सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान इस डिवाइस का प्रेजेंटेशन भी दिया। कैबिनेट मिनिस्टर बेबी रानी मौर्य को कंपनी का यह इनोवेशन काफी पसंद भी आया है। कंपनी के ओनर्स को 10-12 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए लखनऊ आमंत्रित किया गया है।
2022 में लांच की डिवाइस
टीम योगी के साथ मुलाकात के बाद इंस्टाशील्ड के प्रमोटर व डायरेक्टर सीएस जाधव और हितेश एम पटेल ने बताया कि अगस्त, 2017 में उन्होंने कंपनी की शुरुआत की जो एमएसएमई, स्टार्टअप इंडिया और जेम पोर्टल के साथ रजिस्टर्ड है। कोरोना महामारी आने के बाद इससे बचने की तमाम कोशिशें हो रही हैं। वैक्सीन बन चुकी है। साथ ही कोरोना से निजात पाने के लिए इनोवशंस का दौर भी जारी है। कोई मास्क बना रहा है तो कोई किसी डिवाइस पर काम कर रहा है। इंस्टाशील्ड ने भी इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए डिवाइस का अविष्कार किया।
इस डिवाइस को मार्च, 2022 में लॉन्च किया गया था और आज कंपनी का टर्नओवर 10 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। इस डिवाइस ने कंपनी की पूरी तस्वीर बदलकर रख दी। इंस्टाशील्ड एक प्लग एंड प्ले डिवाइस है, जो इलेक्ट्रॉन ट्रांसमिटिंग टेक्नोलॉजी की मदद से वायरस को खत्म करती है। इंस्टाशील्ड की नवीन तकनीक, बंद जगहों जैसे- घर, कार्यालय, स्कूल, होटल, कॉलेज, हॉस्पिटल्स आदि में हवा में और सतहों पर बिना कोई हानिकारक रेडिएशन छोड़े काम करती है और पर्यावरण को मानव जाति के लिए सुरक्षित व स्वस्थ रखती है।
100 प्रतिशत है सुरक्षित
कंपनी का दावा है कि इंस्टाशील्ड डिवाइस, एक ब्रेकथ्रू डिवाइस है क्योंकि यह अपनी तरह की पहली सीसीएमबी अप्रूव्ड वायरस अटेन्युएशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है। यह टेक्नोलॉजी 99.9 प्रतिशत प्रभावशीलता के साथ सार्स कोव2 समेत सभी तरह के वायरस को डिसेबल कर देती है। हितेश का कहना है कि एक सिंगल इंस्टाशील्ड डिवाइस 5000 वर्ग फीट के एरिया को वायरस से सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त है।
डिवाइस 18 मिनट के अंदर एक्टिवेट हो जाती है। इंस्टाशील्ड डिवाइस की टेक्नोलॉजी पेटेंटेड है और इसे टीएसआईसी, एआरसीआई का समर्थन प्राप्त है। यह डिवाइस हैदराबाद की CSIR-CCMB के साथ-साथ EMTAC, Vimta जैसी अन्य लैब्स द्वारा सर्टिफाइड है। CSIR-CCMB एक सरकारी काउंसिल है। कंपनी का दावा है कि डिवाइस इंसानों व पर्यावरण के लिए 100 प्रतिशत सुरक्षित है।
नैनो सेकंड में खत्म होगा वायरस
इंस्टाशील्ड डिवाइस, एक मेक इन इंडिया प्रॉडक्ट है। हितेश बताते हैं कि जब इस डिवाइस की टेस्टिंग चल रही थी, उस वक्त तक कोरोना के 8 वेरिएंट आ चुके थे। सभी वेरिएंट के लिए डिवाइस की टेस्टिंग की गई और रिजल्ट सकारात्मक मिले। यह डिवाइस नैनो सेकंड में वायरस को मारने में सक्षम है। लॉन्चिंग के एक माह के अंदर ही इस डिवाइस की पौने दो करोड़ रुपये की बिक्री हुई। नवंबर 2022 तक बिक्री का आंकड़ा 10 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। मौजूदा वित्त वर्ष में मुनाफा 5-6 करोड़ रुपये और बिक्री 14-15 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इंस्टाशील्ड डिवाइस को कंपनी की वेबसाइट और अमेज़ॉन से ऑनलाइन ऑर्डर किया जा सकता है। इसके अलावा पूरे भारत में डीलर्स, डिस्ट्रीब्यूटर बनाए गए हैं। कंपनी ने श्रुति हसन को अपना ब्रांड एंबेस्डर नियुक्त किया है।
यूपी में निवेश की है बड़ी प्लानिंग
कंपनी हैदराबाद के बाद अब यूपी में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट डालने के लिए विचार कर रही है। यूपी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान दोनों प्रमोटरों ने यूपी में शुरुआत में 20 करोड़ के निवेश का एमओयू साइन किया। कंपनी यूपी में यूनिट लगाने के साथ ही यहां पर अपनी मार्केटिंग और प्रमोशन भी करेगी। उन्होंने बताया कि यूपी बड़ा बाजार है और वो सीएम योगी के नेतृत्व में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और लॉ एंड आर्डर में हुए बड़े बदलाव से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधियों से अपने निवेश के साथ ही यूपी में बड़े पैमाने पर व्यापार के लिए समर्थन मांगा।
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प्रतिनिधियों की ओर से उन्हें यूपी में निवेश के लिए सुरक्षित माहौल और तमाम राहतों के बारे में जानकारी दी गई और हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया। हितेश के मुताबिक, कंपनी इंस्टाशील्ड डिवाइस के इनहैसमेंट पर काम कर रही है, जिसके बाद एक डिवाइस 25000 वर्ग फीट के एरिया में वायरस मारने के लिए पर्याप्त होगी। इसे स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू के लिए भी कारगर बनाने पर काम हो रहा है। दिसंबर 2023 में इंस्टाशील्ड का आईपीओ लाने की तैयारी है। एक्सपोर्ट फरवरी 2023 तक शुरू होने की उम्मीद है। यूपी में निवेश के माध्यम से वह बड़े प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकेगी और सीएम योगी की छत्रछाया में बड़ा प्रॉफिट कमाने में सफल होगी।
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