लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी या नहीं, इसे लेकर कई तर्क सामने आए हैं। सीरो सर्वे में 60-65 फीसदी लोगों के सुरक्षित होने की बात कही गई है, क्योंकि संक्रमण के कारण उनमें एंटीबॉडी विकसित हो गई है। इसके साथ ही करीब 60 फीसदी बच्चों में भी एंटीबॉडी बन चुकी है। बच्चों में संक्रमण से लड़ने की क्षमता है, लेकिन टीकाकरण न होने के कारण सतर्कता बरतने की जरूरत है। उक्त बातें मुख्य वक्ता केजीएमयू की चिकित्सक डॉ. शैली अवस्थी ने गुरुवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित ‘बच्चे हैं अनमोल’ कार्यक्रम के 24वें अंक में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
मुख्य वक्ता डॉ. शैली अवस्थी ने अभिभावकों से कोरोना का टीका लगवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि वयस्क और बुजुर्गों का शतप्रतिशत टीकाकरण होने से बच्चे भी सुरक्षित रहेंगे। कोरोना की तीसरी लहर आती भी है तो बच्चों में संक्रमण का असर कम होगा, ऐसे में ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों में कोई गंभीर बीमारी है या उनकी इम्युनिटी कम है, उन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब स्कूल खुलने लगे है, इसलिए संक्रमण बढ़ने की संभावना ज्यादा है। ऐसे में कोरोना के उचित व्यवहार का पालन करना न भूलें, दो गज की दूरी और मास्क जरूरी है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद भी लोग संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन संभावना कम है। उन्होंने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करने में लापरवाही बरती गई तो तीसरी लहर को आने से नहीं रोक सकते हैं।
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कार्यक्रम अध्यक्ष भारतीय शिक्षा शोध परिषद के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और भावनात्मक विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बच्चों को संतुलित पौष्टिक भोजन दें। इसके साथ योग, व्यायाम, खेलकूद और प्राणायाम के लिए प्रेरित करें, जिससे उनकी इम्युनिटी मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि अब स्कूल भी खुलने लगे हैं, बच्चों को स्कूल भेजना भी जरूरी है इसलिए पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है। ऑनलाइन शिक्षा में सुधार पर बल देते हुए उन्होने कहा कि बच्चे एकाग्रचित्त नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाते समय थोड़ी देर का ब्रेक लेने की जरूरत है।
उन्होंने कोरोना काल में हुए पलायन को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से बच्चों में कौशल विकास होगा, साथ ही स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे भविष्य में लोगों का पलायन भी थमेगा। उन्होंने आठवीं के बाद के बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को परीक्षा परिणाम से हताश और निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, रजनीश वर्मा, शुभम सिंह, अतहर रजा, शोभित, अभिषेक सहित डिजिटल टीम के कर्मचारी मौजूद रहे।
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