छोड़ विषमता की बातों को,
हिंदू राष्ट्र अपनी पहचान;
सामाजिक समरसता से ही,
अपना भारत बने महान-2।
कोटि हिंदु से बना है भारत,
कोटि हिंदु अपनी पहचान;
ध्यान रहे भारत माता का,
ध्यान रखें हम इनका मान।
छोड़ आपसी भेदभाव हम,
एकीकृत भारत हो नाम;
सामाजिक समरसता से ही,
अपना भारत बने महान -2.
जब हम भूलें निज भाई को,
भूल गए हैं उनका काम;
पाप करने को चले हैं हम सब,
जो न करें, उनका सम्मान।
सत्कर्मों का ध्यान करें हम,
ध्यान करें उनका ही नाम;
सामाजिक समरसता से ही,
अपना भारत बने महान-2
जब हम भूलें उनके अरमानों को,
करते हैं उनका अपमान;
रोती है तब मां भारती,
कहकर उन्हें अपनी संतान।
बेबसी और लाचारी मिटाकर,
आओ करें उनका सम्मान;
सामाजिक समरसता से ही,
अपना भारत बने महान-2।
छोड़ विषमता की बातों को,
हिंदू राष्ट्र अपनी पहचान;
सामाजिक समरसता से ही,
अपना भारत बने महान-2।
-सुबोध झा
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