आतंक का कोई मज़हब नहीं
जो रोज़ हमें समझाते हैं।
हिंदू हिंसक होते है
ये संसद में चिल्लाते हैं।
कमर में बाँधके बम
फटने क्या हिंदू कोई जाता है।
सर तन से जुदा के नारें
कोई हिंदू कहीं लगाता हैं?
हिंदू हिंसक होता तो
पंडित बेघरबार नहीं होते।
हिंदू हिंसक होता तो
अमरनाथ पे वार नहीं होते।
हिंदू हिंसक होता तो
मोपला का नरसंहार भी रुक जाता।
हिंदू हिंसक होता तो
जिन्ना का सिर भी झुक जाता।
हिंदू हिंसक होता तो
भारत का बँटवारा क्यूँ होता।
हिंदू हिंसक होता तो
वक़्फ़ बोर्ड गँवारा क्यूँ होता।
हिंदू हिंसक होता तो
मंदिर के लिए कोर्ट तक क्यों जाते।
हिंदू हिंसक होता तो
काशी मथुरा भी बन जाते।
हिंदू हिंसक होता तो
बंगाल में मारा क्यों जाता।
हिंदू हिंसक होता तो
सनातन को दुतकारा क्यों जाता।
हिंदू हिंसक होता तो बेटियाँ
सूटकेस में क्यों आती।
हिंदू हिंसक होता तो
कन्हैया लाल की जान भी क्यों जाती।
हिंदू हिंसक होता तो
गौमाता पर चाक़ू न चलते।
हिंदू हिंसक होता तो
ग़ज़वा ए हिंदू के ख़्वाब न पलते।
इटली का DNA वाले
हिंदू का मतलब क्या जाने।
ख़ुद को गर्व से हिंदू कहते हैं
हम भारत माँ की संतानें।
– कपिल मिश्र
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