एक वृद्ध ट्रेन में सफर कर रहा था, संयोग से वह कोच खाली था। तभी 8-10 लड़के उस कोच में आये और बैठ कर मस्ती करने लगे। इसमें से एक ने कहा- ‘चलो, जंजीर खींचते है।’ इस पर दूसरे ने कहा- ‘यहां लिखा है जंजीर खींचने पर 500 रुपए जुर्माना और 6 माह की कैद की सजा।’ वहीं तीसरे ने कहा- ‘इतने लोग है चंदा कर के 500 रुपए जमा कर देंगे।’
चन्दा इकट्ठा किया गया तो 500 की जगह 1200 रुपए जमा हो गए। इसमें 200 के तीन नोट, 2 नोट पचास के बाकी सब 100 के थे। सबने मिलकर चंदा पहले लड़के के जेब में रख दिया। तीसरे ने कहा कि अब जंजीर खींचते है, अगर कोई पूछता है, तो कह देंगे कि इस बूढ़़े ने खींचा है। पैसे भी नहीं देने पड़ेंगे तब।
बूढ़े ने लड़कों के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा, ‘बच्चो, मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, मुझे क्यों फंसा रहे हो?’ लेकिन लड़कों ने उसकी एक न सुनी। जंजीर खींची गई। थोड़ी देर में टीटीई सिपाही के साथ आया, लड़कों ने एक स्वर से कहा कि बूढे ने जंजीर खींची है। टीटी बूढ़े से बोला, ‘शर्म नहीं आती इस उम्र में ऐसी हरकत करते हुए?’
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बूढ़़े ने हाथ जोड़ कर कहा कि साहब, मैंने जंजीर खींची है, लेकिन मेरी बहुत मजबूरी थी। टीटी ने पूछा, ‘क्या मजबूरी थी?’ बूढ़े ने कहा, ‘मेरे पास केवल 1200 रुपए थे, जिसे इन लड़कों ने छीन लिए और इस पहले लड़के ने अपनी जेब में पैसे रखे हैं।’ उसने बताया कि इनमें 200 के तीन नोट, 2 नोट पचास के बाकी सब 100 के हैं।
अब टीटी ने सिपाही से लड़के की तलाशी लेने के लिए कहा। जैसा बूढ़़े ने कहा था, नोट मिलाये गए लड़के के जेब से 1200 रुपए बरामद हुए, जिनको वृद्ध को वापस कर दिया गया और लड़कों को अगले स्टेशन में पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस के साथ जाते समय लड़के ने वृद्ध की ओर घूर के देखा तो वृद्ध ने सफेद दाड़ी पर हाथ फेरते हुए कहा- ‘बेटा, ये बाल यूं ही सफेद नहीं हुए है।’
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