प्रकाश सिंह

गोंडा: यूपी विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान जारी है, वहीं 5वें चरण के लिए 27 फरवरी को मतदान होने है। पांचवें चरण में गोंडा जनपद में भी वोटिंग होनी है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहराते हुए जनपद की सभी सातों विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था, लेकिन इस बार परिस्थित कुछ और है, और कुछ सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर मिल रही है। जानकारों की मानें तो 2017 के मुकाबले इसबार यहां भाजपा की सीटें घटेंगी। क्योंकि 2017 में मोदी लहर के चलते जातिवाद, क्षेत्रवाद और वर्चस्व की सारी सीमाएं टूट गई थीं, जिसका लाभ बीजेपी को मिला। हालांकि योगी सरकार में गोंडा जनपद में काफी विकास कार्य हुए हैं, बावजूद इसके बीजेपी के सामने मंहगाई, बेरोजगारी बड़ी चुनौती बनी हुई है।

2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक गोंडा शहरी समूह की आबादी 138,929 थी, जिसमें से 71,475 पुरुष और महिलाएं 67,454 थीं। इसमें 0 से 6 वर्ष की आयु सीमा में जनसंख्या 15,608 थी। वहीं कुल साक्षरों की संख्या 99,057 (71.3%) थी, जिनमें 55,067 पुरुष और 43,990 महिलाएं थीं।

295- मेहनौन विधानसभा सीट

गोंडा जनपद की मेहनौन विधानसभा काफी सामान्य है। वर्ष 2017 में मेहनौन से भाजपा के प्रत्याशी विनय कुमार ने बसपा उम्मीदवार अरशद अली खान को 36 हजार 378 वोटों से शिकस्त दी थी। गोंडा जनपद की मेहनौन विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई।

सियासी इतिहास

2017- विनय कुमार- बीजेपी
2012- नंदिता शुक्ला- सपा

जातिगत समीकरण

मेहनौन विधानसभा क्षेत्र में सामान्य मतदाताओं की संख्या अधिक है। यहां करीब 84 फीसद सवर्ण मतदाता हैं। इसके साथ ही 15 फीसदी दलित मतदाता हैं।

मतदाता

कुल मतदाता: 3,57,188
पुरुष: 1,96,070
महिला: 1,61,104

296- गोंडा सदर विधानसभा सीट

गोंडा जनपद की सदर विधानसभा सीट काफी खास मानी जाती है। वर्ष 2017 में यहां से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह ने पहली बार चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल किया। प्रतीक भूषण शरण सिंह पहली बार चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र के विधायक बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

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यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में गोंडा जनपद में 27 फरवरी को मतदान होना है। गोंडा सदर विधानसभा सीट जिले की सबसे हॉट सीट मानी जाती है। बीजेपी ने एकबार फिर से गोंडा सदर सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे स्व. विनोद कुमार सिंह के भतीजे सूरज सिंह फिर से चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं।

मौजूदा स्थिति

सीट का नाम- 296- गोंडा सदर सीट
कुल मतदाता- 3.42 लाख (अनुमानित)
वर्तमान विधायक- प्रतीक भूषण सिंह (भाजपा)

वर्ष 2017 में गोंडा सदर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रतीक भूषण सिंह ने जीत हासिल की थी। प्रतीक भूषण को कुल 58,254 वोट मिले थे, तो वहीं बसपा से मोहम्मद जलील खान दूसरे नंबर पर थे। उन्हें 46,576 वोट मिले थे, अब उनकी मौत हो चुकी है। यहां सपा तीसरे नंबर पर थी, सपा प्रत्याशी सूरज सिंह को कुल 41,477 वोट मिले थे। वहीं शिवसेना से महेश नारायण तिवारी चौथे नंबर पर थे, उन्हें कुल 33,606 वोट मिले थे।

297- कटरा बाजार विधानसभा सीट

गोंडा जनपद की कटरा बाजार विधानसभा सीट पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है। यहां बीजेपी विधायक बावन सिंह लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। पार्टी ने इस बार भी बावन सिंह को मैदान में उतारा है। पार्टी के साथ क्षेत्र की जनता की निगाह भी उनकी जीत की हैट्रिक लगाने पर टिकी हुई है। वर्ष 2017 के चुनाव में बावन सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बैजनाथ को 30 हजार 811 वोटों से हराया था।

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राजनीतिक इतिहास

1985- फसीरुहमान उर्फ मुनैन खान- लोकदल
1989- मुरलीधर मनीम- कांग्रेस
1991, 1993- राम सिंह- बीजेपी
1996- बावन सिंह- बीजेपी
2002, 2007- बैजनाथ दुबे- सपा
2012, 2017-बावन सिंह- बीजेपी

मतदाता

कुल मतदाता: 3,74,524
पुरुष: 2,01,709
महिला: 1,72,813

298- करनैलगंज विधानसभा सीट

गोंडा की करनैलगंज विधानसभा सीट पर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया का वर्ष 1989 से दबदबा कायम है। लेकिन बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काट कर उनकी जगह अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। वर्ष 2017 में करनैलगंज विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी योगेश प्रताप सिंह को 28,405 वोटों से हराया था। हालांकि इस बार टिकट कटने से उन्होंने बागी तेवर अपना लिया है और सपा प्रत्याशी योगेश प्रताप सिंह को अपना समर्थन दे दिया है। उनके इस बागी तेवर के चलते बीजेपी प्रत्याशी अजय कुमार सिंह को कड़ी टक्कर मिल रही है। धार्मिक रूप से भी करनैलगंज सीट को इतिहास रहा है, यहां पर स्थित सकरौरा घाट में अगस्त्य मुनि का कभी आश्रम था।

राजनीतिक इतिहास

1977- त्रिवेणी सिंह- जनता पार्टी
1980, 1985- उमाशंकर प्रताप सिंह- कांग्रेस
1989- अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया- आईएनडी
1991, 1993, 1996- अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया- बीजेपी
2002- योगेश प्रताप सिंह उर्फ योगेश भैया- बसपा
2007- अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया- कांग्रेस
2012- योगेश प्रताप सिंह उर्फ योगेश भैया- सपा
2017- अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया- बीजेपी

जातिगत समीकरण

करनैलगंज विधानसभा सीट क्षत्रिय बाहुल्य मानी जाती है। यहां ब्राह्मण, दलित, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी तादात है।

मतदाता

कुल मतदाता: 3,19,785
पुरुष: 1,73,224
महिला: 1,46,550

299- तरबगंज विधानसभा सीट

गोंडा जनपद की तरबगंज विधानसभा सीट जातीय समीकरण के काकश में उलझा हुआ नजर आ रहा है। मुद्दों की जगह जीत-हार के बीच सबकी निगाहें ब्राह्मण और यादव मतदाताओं पर टिकी हुई है। ऐसा माना जाता है कि यहां ब्राह्मण और यादव निर्णायक की भूमिका में हैं। यहां भाजपा और सपा की तरफ से चुनाव मैदान में ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने पर कांग्रेस ने जहां क्षत्रिय वोट साधने की कोशिश के तहत त्वरिता सिंह को प्रत्याशी बनाया है, तो वही पिछड़ी जातियों के वोटों में सेंधमारी के लिए बसपा ने लालजी यादव को उम्मीदवार बनाया है।

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वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी ने विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह और बसपा ने इंद्र बहादुर सिंह उर्फ पप्पू सिंह को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन भाजपा से प्रेम नरायन पांडेय के सामने दोनों को हार का समना करना पड़ा। बीजेपी की जीत पर यह माना जा रहा था कि सपा और बसपा की तरफ से क्षत्रिय उम्मीदवारों के उतारे जाने से वोटों का बंटवारा हो गया, जिसका फायदा बीजेपी प्रत्याशी प्रेम नरायन पांडेय को मिला।

मतदाता

कुल मतदाता- 3,54,234

जातीय समीकरण

ब्राह्मण- 99 हजार
यादव- 57 हजार
क्षत्रिय- 25 हजार
मुस्लिम- 45 हजार
अनूसूचित जाति- 55 हजार
पिछड़ी जाति- 40 हजार
अन्य- करीब 30 हजार

2017 का परिणाम

प्रेम नरायन पांडेय, भाजपा- 100294 जीते
विनोद कुुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह, सपा- 61,852
इंद्र बहादुर सिंह उर्फ पप्पू सिंह, बसपा- 29, 332

300- मनकापुर विधानसभा सीट

कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाला मनकापुर विधानसभा सीट अब भाजपा के कब्जे में है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से रमापति शास्त्री ने यहां से जीत हासिल की थी और योगी सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी रहे। बीजेपी ने इसबार भी भरोसा जताते हुए रमापति शास्त्री को मनकापुर सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने बसपा से आए रमेश चंद गौतम को प्रत्याशी बनाया है। जबकि बसपा ने श्याम नारायण कोरी को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने सपा के पूर्व विधायक स्व. बाबूलाल कोरी की बेटी संतोष कुमारी को प्रत्याशी बनाया है।

मनकापुर विधानसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। वर्ष 1985 और 1989 में कांग्रेस से रामबिष्णु आजाद यहां से विधायक रहे। वर्ष 1991 में बीजेपी से छेदीलाल यहां से चुनाव जीते, लेकिन वर्ष 1993 में कांग्रेस से रामबिष्णु आजाद दोबारा जीत हासिल कर ली। वर्ष 1996, 2002 और 2007 से रामबिष्णु आजाद ने समाजवादी पार्टी से चुनाव जीतते रहे। जबकि वर्ष 2012 में बाबूलाल कोरी समाजवादी पार्टी से अपनी साइकिल दौड़ाने में सफल रहे। वर्ष 2017 में बीजेपी से रमापति शास्त्री ने यहां से जीत हासिल की और योगी सरकार में कैबिनेट समाज कल्याण मंत्री बने। बीजेपी ने एक बार फिर से रमापति शास्त्री पर दांव लगाते हुए मैदान में उतारा है।

मनकापुर विधानसभा क्षेत्र की आबादी 5,76,057 है, जिसमें महिलाओं की संख्या 2,78,226 है। विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,19,172 है, जिसमें 1,46,810 महिलाएं हैं। अनुमान के अनुसार यह क्षेत्र ब्राह्मण बाहुल्य माना जाता है।

301- गौरा विधानसभा सीट

गोंडा जनपद के गौरा विधानसभा का गठन वर्ष 2012 में हुआ था, तब से यहां अबतक दो बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। गौरा विधानसभा क्षेत्र में कुछ हिस्सा गोंडा का और कुछ हिस्सा बलरामपुर का जोड़ा गया है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां से सपा को जीत हासिल हुई थी। जबकि वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी से प्रभात वर्मा यहां से विधायक चुने गए। बीजेपी ने एकबार फिर प्रभात वर्मा पर भरोसा जताते हुए यहां से प्रत्याशी बनाया है। वहीं प्रभात वर्मा के सामने समाजवादी पार्टी ने संजय विद्यार्थी को मैदान में उतारा है।

कांग्रेस ने राम प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं बसपा ने इस बार निगार उस्मानी को उम्मीदवार बनाया है। आंकड़ों के मुताबिक इस विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटों की संख्या ओबीसी समाज की है। फिलहाल सभी दलों के उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। राजनीतिज्ञों की मानें तो गौरा विधानसभा सीट पर बीजेपी-सपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय लड़ाई है।

वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो यहां से बीजेपी प्रत्याशी प्रभात वर्मा ने जीत हासिल किया था। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के राम प्रताप सिंह दूसरे नंबर पर थे। बसपा से अब्दुल कलाम मलिक चुनाव मैदान में थे और वह तीसरे नंबर पर रहे। आंकड़ों के मुताबिक गौरा में मुस्लिम, ओबीसी, ब्राह्मण, दलित और क्षत्रिय मतदाता निर्णायक की भूमिका में रहते हैं। गौरा विधानसभा में सबसे अधिक मतदाता मुस्लिम और ओबीसी वर्ग से हैं।

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