
नव वर्ष प्रतिपदा सिंह द्वार
संकल्प से सिद्धि तक जाना है।
हो सशक्त समृद्ध सनातन
वसुधा को परिवार बनाना है।।
हों कहीं गुलामी के शूल दंश
चुन चुन सब शूल हटाना है।
गौरव का इतिहास पढ़ें बच्चे
स्वर्णिम इतिहास रचाना है।।
सदा सत्य सनातन प्रेम भाव
एकात्म साधना से आता है।
हैं विविधि यहां मत पंथ भले
कण कण में शिव दर्शाता है।।
यहां निराकार साकार साथ हैं
अस्ति नास्ति सब साथ चले।
है राष्ट्र भाव सर्वोच्च सनातन
हैं एकात्म भाव में सभी ढले।।
हम नव वर्ष प्रथम सूर्योदय पर
स्वर्णिम भारत का लें संकल्प।
जो कुछ करना है कर्तव्य करें
अब है शेष नहीं कोई विकल्प।।
हो हर भारतीय प्रज्वलित दीप
प्रेरणा प्रखर चहुदिश प्रकाश।
हो संपूर्ण विश्व में नूतन गौरव
प्रकृति संग मिल हो विकास।।
-बृजेन्द्र पाल सिंह
राष्ट्रीय संगठन मंत्री लोकभारती
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