गोरखपुर: सबको न्याय दिलाने के लिए सरकारी सिस्टम बनाया गया है। इसके लिए विभागवार अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। लेकिन यह सरकारी सिस्टम कितना कारगर है, यह बात हर उस शख्स को पता है, जो सिस्टम का शिकार हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में सब ठीकठाक होने का दावा कर रहे हैं। जबकि सच यह है कि फरियादी सबसे ज्यादा सीएम योगी आदित्यनाथ के राज्य में ही परेशान हैं। यह हम नहीं बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचने वाली शिकायतें बता रही हैं। प्रदेश में अगर सब ठीकठाक ही होता तो मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में इतनी भीड़ क्यों होती। वो भी तब जब हर शख्स को पता है कि मुख्यमंत्री से मिल पाना कितना कठिन है।
लोगों की मजबूरी, बेबसी को इसी से समझा जा सकता है कि दूर दराज के क्षेत्रों से मुख्यमंत्री की चौखट पर उम्मीद लेकर पहुंचते हैं कि हो सकता है यहां से उन्हें इंसाफ मिल जाए। लेकिन हमारे यहां का सिस्टम ऐसा है कि समस्या के समाधान के लिए फरियादी को फिर वहीं पहुंचना पड़ता है, जहां से उसने फरियाद शुरू की थी। फिलहाल मुख्यमंत्री को अधिकारियों की नाकामी का एहसास होने लगा है, लेकिन ये सिस्टम ही ऐसा है कि सबको अपने हिसाब से चलने का मजबूर कर देता है। गोरखपुर में हिंदू सेवाश्रम में लगे जनता दर्शन के दौरान फरियादी की थाने और चौकी पर सुनवाई न होने पर मुख्यमंत्री ने पुलिस कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है।
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उन्होंने जनता दर्शन में मौजूद एसएसपी देवेंद्र कुमार प्रभु से पूछा कि थानों और पुलिस चौकियों में फरियादियों की समस्याओं का निवारण क्यों नहीं किया जा रहा है। अगर फरियादियों की समस्या का वहीं निदान कर दिया जाता था, उन्हें यहां जनता दर्शन में आने की जरूरत न पड़ती। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को यहां गोरखपुर और आसपास के जिलों से आए फरियादियों की समस्याएं सुन रहे थे।
इस दौरान उन्होंने एसएसपी से कहा कि मामलों का निस्तारण हर हाल में स्थानीय स्तर पर निस्तारण करना सुनिश्चित कराया जाए। लापरवाह थाना और चौकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सीएम योगी ने कहा कि फरियादियों की समस्याओं का निस्तारण अगर तहसील और थाना दिवस पर कर लिया जाएगा तो लोगों को मुख्यमंत्री के जनता दर्शन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
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