गोंडा: पुलिस की भूमिका हमेशा से ही संदिग्ध रही है। गोंडा जनपद की परसपुर पुलिस इंसाफ दिलाने की जगह दबंगों का साथ दे रही है, जिसके चलते पीड़ित परिवार काफी परेशान है। पीड़ित पुलिस के पास इंसाफ की उम्मीद लेकर जाता है, लेकिन पुलिस जब रसूखदार और दबंगों के दबाव में काम करने लगे तो समझा जा सकता है कि वह कितना इंसाफ करेगी। कहने को पुलिस को मित्र पुलिस की संज्ञा बहुत पहले दे दी गई है, पर मित्र पुलिस कितना मित्र है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शरीफ व्यक्ति आज भी थाने पर जाने से डरता है। सच यह है कि पुलिस बिना दबाव-प्रभाव के आज भी किसी की फरियाद सुनने का तैयार नहीं है। ऐसा ही मामला परसपुर थाने से सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक परसपुर थानाक्षेत्र के गोरछानपुरवा गांव निवासी राकेश सिंह पुत्र स्व. भवानीबीन सिंह की पुश्तैनी बाग की जमीन पर गांव के जंगबहादुर, विजय बहादुर सिंह पुत्रगण स्व. रतिपाल आदि कब्जा कर निर्माण कार्य कराने की कोशिश कर रहे हैं। राकेश सिंह के तरफ से मना करने पर ये लोग उनके और उनके परिवार के साथ गालीगलौच करते हुए मारपीट पर उतारू हो गए। राकेश सिंह ने 15 मई को इसकी शिकायत परसपुर पुलिस से की। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर औपचारिता पूरी कर लौट आई। 16 जून को दबंगों की तरफ से उक्त जमीन पर निर्माण कार्य करा दिया गया। इसकी शिकायत लेकर पीड़ित पक्ष जब थाने पहुंचा था तो थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने मामले का संज्ञान लेने की जगह पीड़ित पक्ष का 151 के तहत चलान कर दिया।
पीड़ित पक्ष के राकेश सिंह ने बताया कि पुलिस हमारी बात सुनने की जगह दबंगों का साथ दे रही है। इसके चलते उनके परिवार का घर से बाहर निकलना मुहाल हो गया है। दबंगों की तरफ से उनके परिवार का लगातार धमकियां दी जा रही हैं। जमीन की पैमाइश के लिया आवेदन दिया गया था, जिस पर तहसील से पैमाइश करने पहुंचे लोगों को जंगबाहदुर, विजय बहादुर सिंह आदि ने अभद्रता करते हुए जमीन नापने नहीं दिया। पीड़िता परिवार डीजीपी व पुलिस अधीक्षक तक को पत्र भेजकर इंसाफ की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।
परसपुर पुलिस की लापरवाही के चलते पीड़ित परिवार काफी परेशान है। फरियादी राकेश सिंह का कहना है कि यदि हमारे परिवार के साथ कोई अनहोनी की घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदार परसपुर पुलिस होगी। इस संदर्भ में परसपुर थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह का पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है। वहीं गांव में इस जमीन और पुलिस की भूमिका को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
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