चित्रकूट: शुक्रवार की देर रात यूपी एसटीएफ के हाथ बड़ी सफलता लगी है। यूपी और एमपी पुलिस के लिए लंबे समय से सिरदर्द बने साढ़े पांच लाख रुपए के इनामी बदमाश को यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया है। चित्रकूट के बाहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधा के पास जंगल में सटीक सूचना पर पहुंची यूपी एसटीएफ की टीम का डकैत गौरी यादव से सामना हो गया है। दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी भी हुई, जिसमें गौरी यादव मारा गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दोनों तरफ से जमकर गोलियां चलीं। गौरी यादव के साथ मौजूद अन्य सदस्य जंगल की तरफ भागने में सफल रही, लेकिन गौरी यादव को कई गोलियां लग चुकी थीं, जिससे वह मौके पर मारा गया।
यूपी एसटीएफ को मौके से एके-47 रायफल, एक क्लाशनिकोव सेमी आटोमैटिक रायफल, एक 12 बोर बंदूक और सैकड़ों की संख्या में कारतूस मिले हैं। बता दें कि डकैत गौरी यादव पर यूपी पुलिस पांच लाख रुपए और एमपी पुलिस 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। वहीं मुठभेड़ के बाद कई थानों की पुलिस और एसटीएफ की टीम फरार चल रहे गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए जंगल में कांबिंग कर रही हैं।
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कौन है गौरी यादव
वैसे हर किसी की अपनी कहानी होती है। कोई शौक से अपराधी नहीं बनता, कुछ हालात ऐसे बनते हैं कि लोगों को मजबूरन हथियार उठाना पड़ जाता है। अपराध जगत में कदम रखने के लिए कहीं न कहीं पुलिस की अहम रोल होता है, और अपराधी का अंत भी पुलिस ही करती है। इसी तालमेल का नतीजा है कि लाख प्रयासों के बावजूद भी अपराधी खत्म नहीं हो रहे हैं। एक अपराधी खत्म होता है तो हमारी पुलिस व्यवस्था चार अपराधी बना चुकी होती है। बाहिलपुरवा थाने के माड़व बाग का रहने वाला गौरी यादव का सफर भी कुछ इसी तरह ही रहा है।
गौरी यादव कुख्यात डकैत ददुआ के पिट्टू के तौर पर जंगल में उतरा था। ददुआ के खात्मे के बाद वह डैकत बबुली गिरोह में शामिल हो गया। बाबुली को मारने के लिए पुलिस गौरी यादव का सपोर्ट किया और बबुली मारा भी गया। बबुली के खात्मे के साथ गौरी यादव ने उसी गिरोह के सदस्यों के साथ अपना गिरोह तैयार कर लिया। 10 साल से वह गिरोह का सरगना बना हुआ था। देखते ही देखते वह यूपी और एमपी पुलिस के लिए सिरदर्द हो गया। दोनों राज्यों की पुलिस को उसकी तलाश लंबे समय से थी। दोनों राज्यों की पुलिस ने उस पर इनाम भी घोषित कर रखा था।
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