वॉशिंगटन। अमेरिका (America) बाइडेन प्रशासन ने आपातकाल (Emergency) की घोषणा कर दी है। उन्होंने यह घोषणा अमेरिका के सबसे बड़ी तेल पाइपलाइन पर हुए सबसे बड़े साइबर अटैक (Cyber Attack) के बाद यह घोषणा की है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी शक्तिशाली देश ने साइबर अटैक के कारण आपातकाल लगाया है।

जानकारों का कहना है कि जिस कोलोनियल पाइपलाइन कंपनी पर साइबर अटैक हुआ है, वहां से रोजाना 25 लाख बैरल तेल सप्लाई होती है। बता दे वह वही जगह है जहां से पाइपलाइन के माध्यम से US के पूर्वी तट के किनारे बसे राज्यों में पेट्रोल, डीजल और दूसरी गैसों की 45 प्रतिशत आपूर्ति की सप्लाई होती है।

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बढ़ सकती है तेल की कीमतें

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि इस साइबर अटैक के चलते तेल की कीमतें 2-3 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। वहीं यह भी दावा किया जा रहा है कि अगर इसे जल्द बहाल नहीं किया गया तो इसका असर और व्यापक हो सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह हमला कोरोना महामारी के चलते हुआ है। क्योंकि संक्रमण के खतरों को देखते हुए अधिकतर इंजीनियर्स घर से कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं।

खबरों की मानें तो ये रैन्समवेयर हमला डार्कसाइड (Darkside) नाम के एक साइबर-गिरोह की तरफ से किया गया है। इसमें उन्होंने करीब 100GB डाटा चुरा लिया है। इतना ही नहीं हैकरों ने कुछ कंप्यूटरों और सर्वरों पर डाटा को लॉक भी कर दिया है और इसके बदले में शुक्रवार को फिरौती की मांग की है। हैकरों ने धमकी दी है कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो वे इस डाटा को इंटरनेट पर लीक कर देंगे।

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