नई दिल्ली। एबी फाउंडेशन के तत्वावधान में “ब्लैक फंगस और कोरोना की तीसरी वेव की तैयारी” विषय पर आयोजित अहम वेबीनार में मौजूद बतौर विशेष वक्ता महाराष्ट्र के डेयरी विकास, पशुपालन, युवा मामले व खेल मंत्री सुनील केदार ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए जाति-धर्म और पार्टी हित से ऊपर उठ कर समूचे देश को एकजुट होना होगा।
महाराष्ट्र के वर्धा जिले के भी प्रभारी मंत्री सुनील केदार ने बताया कि इस क्षेत्र ने दोनों लहरों के दौरान संक्रमितों के बेहतरीन इलाज को लेकर राज्य मे सर्वत्र सराहना प्राप्त की। कोविड के किसी भी मरीज को जिले के बाहर रेफर करने की इसीलिए नौबत नहीं आई। अपने क्षेत्र में कोविड के नियंत्रण तथा आने वाली थर्डवेव की तैयारी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कोविड किसी की भी जाति, धर्म और पार्टी देखकर अटैक नहीं करता है इसलिए इसे इन सभी चीजों से ऊपर उठकर मानव धर्म का पालन करते हुए हमें इसका सामना करना है और इससे जीत हासिल करनी है।
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उन्होंने साथ ही लोगों में जागरूकता को पैदा करने की अपील की तथा यह भी बताया कि कैसे उन्होंने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल तथा अन्य मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाया ताकि लोगों को मेडिकल फैसिलिटी बेहतर तरीके से मिल सके तथा उन पर वित्तीय संकट को भी कम किया जा सके। इस वेबिनार मे मौजूद देश के जाने माने चिकित्सक-विशेषज्ञों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि फंगस से बचाव के लिए क्या ऐहतियात बरतनी है। संक्रमण के दौरान स्टेरॉयड का कम से कम प्रयोग और सुगर पर नियंत्रण रखने के अलावा उचित आहार लेना होगा।
लगभग सभी इस मामले में एकमत थे कि चूंकि बच्चों मे इम्युनिटि यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है इसलिए तीसरी लहर, जिसके लिए कहा जा रहा है कि इस बार बारी बच्चों की है, ज्यादा खतरनाक नहीं होगी। हरी सब्जियों और बिटामिन सी वाले फल संतरा, मौसमी, आंवला और नींबू के नियमित सेवन की जरूरत है। 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए अभी टीका प्रयोग के चरण में है अतः उनको फ्लू का टीका दिया ज सकता है। नाक में सरसों का तेल लगाइए। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मास्क न लगाएं।
दिल्ली में नॉर्दन रेलवे के डिप्टी मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर आरके पांडे ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में योगा तथा व्यक्तियों में आत्मविश्वास को बनाए रखने की जरूरत अत्यंत महत्वपूर्ण है। अमेरिका के शिक्षा हब बोस्टन से डिग्री लेने वाले चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर अंजनी मिश्रा ने, जिनका यूपी के पीलीभीत में अपना निजी अस्पताल है, कहा कि आम जन को कोविड प्रोटोकॉल, जैसे मास्क, सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी को लेकर जागरूक करने की जरूरत बताया। उन्होंने ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की वकालत करते हुए लोगों में कोरोना महामारी के डर को दूर करने की भी अपील की। डॉ. मिश्रा ने कहा कि बच्चों में इम्यूनिटी सिस्टम को बनाए रखने के लिए जरूरी वैक्सीन डॉक्टर की सलाह लेकर समय से पहले जरूर लगवांए।
वेबीनार के तीसरे वक्ता के रूप में कोलकाता मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर निलय कुमार दास ने बताया कि बच्चों में नेचुरल इम्यून सिस्टम काफी स्ट्रांग होता है। इसलिए उनके अभिभावकों को ज्यादा परेशान होने या डरने की जरूरत नहीं है। फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क तथा सैनिटाइजर के प्रयोग से इसका मुकाबला किया जा सकता है।
कार्यक्रम में जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर आनंद पांडेय ने कहा कि भविष्य में अब जंग शस्त्रों से नहीं बल्कि जैविक होगी। उन्होंने वर्तमान महामारी को एक बायो वार प्रयोग की संज्ञा देते हुए कि ऐसा लग रहा है कि यह अभी मानव पर प्रयोग किया गया है। कौन जानता है कि आगामी दिनों में खेती पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। मेरे कहने का मतलब यह कि ऐसा बायोलॉजिकल हमला हो सकता है जिससे समूची फसल ही नष्ट हो जाए। यह सुनकर सभी अचंभित थे। लेकिन उन्होंने बताया कि चौंकने वाली बात नहीं है हमें आपको अभी से सतर्क रहना होगा। सरकार ऐसी परिस्थितियों में कैसे सब को बचाएगी यह एक सवाल होगा।
कार्यक्रम में संस्था के मार्गदर्शक एवं मीडिया सलाहकार नेशन टुडे के मुख्य संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार पदम पति शर्मा ने लोगों की फंगस के कोरोना की दूसरी लहर से जुडे रहने से उठी शंकाओं को अपने प्रश्नों के माध्यम से चिकित्सा विशेषज्ञों से पूछा। कार्यक्रम में संस्था के ट्रस्टी दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट सीके मिश्रा ने जहां कार्यक्रम में मॉडरेटर की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया साथ ही साथ संस्था के द्वारा किए गए कार्यक्रमों की भी विस्तृत जानकारी दी।
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