लखनऊ: छत्रपति शिवाजी महाराज साहस, राजकौशल और कुशल प्रशासक की सनातन प्रतिमूर्ति थे। वह एक कुशल रणनीतिकार थे। हर युद्ध में उनकी नई रणनीति होती थी, छापामार युद्ध की नई शैली विकसित की। शिवाजी ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व इतिहास संकलन योजना के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री संजय बुधवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में हिन्दू साम्राज्य दिवस पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में कहीं। कोरोना वायरस के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विद्या भारती के प्रचारक, पदाधिकारी और कार्यकर्ता ऑनलाइन जुड़े थे।
आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक संजय ने इतिहास की कई बातों का जिक्र करते हुए छत्रपति शिवाजी के जीवन काल पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के दिन ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी सन् 1674 को छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था, इसलिए हिन्दू समाज हिन्दू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाता है। इस दिवस की पुन: शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक परम पूज्य डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। इसका उद्देश्य संस्कृति, सभ्यता और सौहार्द के प्रति जागरूक करना है।
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उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज बचपन से ही वीर और तेजस्वी थे। उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी विदेशी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया और लक्ष्य को प्राप्त किया। वह राष्ट्र रक्षा के संघर्ष का प्रतीक बिन्दु थे। उनकी विशेषता अंतिम विजय थी। उन्होंने कहा कि हमारे देश के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। अंग्रेजों और वामपंथियों ने शिवाजी महाराज के बारे में गलत तथ्य पेश किये, ताकि समाज में प्रेमभाव उत्पन्न न हो सके। इस मौके पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश फिल्म विभाग की ओर से बनाई गई शिवाजी की डाक्युमेंट्री भी दिखाई गई। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश की तकनीकी टीम, व्यवस्थापक और कई कर्मचारी मौजूद रहे।
आरएसएस ने हिन्दू साम्राज्य दिवस को उत्सव के रूप में मनाया
वहीं, माधव सभागार में हिन्दू साम्राज्य दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाया गया है। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक व विभाग प्रमुख सुबंधु ने शिवाजी के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके शौर्य से जुड़े कई प्रेरक प्रसंग सुनाए। इस अवसर पर आरएएस के वरिष्ठ प्रचारक रामय, रजनीश पाठक, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर, प्रदेश निरीक्ष्रक राजेन्द्र बाबू सहित कई प्रचारक और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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