नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए सिविल सर्विसेज एक्ट को समाप्त कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में अब आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के पदों की भर्ती के जगह एजीएमयूटी कैडर का हिस्सा होंगे। केंद्र सरकार के इस कदम से यह राज्य भी अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और यूनियन टेरेटरीज कैडर के नाम से जाना जाएगा। ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर में यह बदलाव धारा 370 हटने की वजह से संभव हो सका है। इससे पहले इस राज्य का अपना कैडर हुआ करता था। पहले यहां के लोगों को दूसरे राज्यों में नियुक्ति नहीं मिलती थी। लेकिन अब केंद्र शासित प्रदेश होने के चलते यहां के लोगों को अन्य राज्यों में नियुक्ति मिल सकेगी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते वर्ष राज्य से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था। इसके बाद राज्य केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख दो अलग-अलग हिस्सों में विभाजित हो गया था। यहां से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य के विकास करने का निर्णय लिया था। इसी के तहत सरकार ने बीते वर्ष मनोज सिन्हा को राज्य का उप राज्यपाल नियुक्त किया है। एक वर्ष के अंदर उप राज्यपाल ने यहां कई बड़े बदलाव किए हैं। मनोज सिन्हा ने अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दिशा में लगे हुए हैं। वहीं इसके लिए सरकार ने कई नई योजनाओं को भी शुरू किया है।

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घाटी में पिछले महीने जिला परिषद के चुनाव हुए थे। इस चुनाव में यहां के लोगों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया था। इस चुनाव में गुपकर गठबंधन के अलावा भाजपा ने भी बेहतर प्रदर्शन किया था। इस चुनाव में पीडीपी के साथ नेशनल कांफ्रेंस ने भी अच्छ सीटें हासिल की थी। बावजूद इसके इस चुनाव ने भाजपा को आगे के लिए शुभ संकेत दिया है। क्योंकि जहां पार्टी का पूरी तरह से सफाया रहता था, ऐसे राज्यों अच्छी सीटें जीतना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।

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