Kahani: पिता-पुत्र की सोच का अंतर

Kahani: एक बार एक पिता और उसका पुत्र जलमार्ग से कहीं यात्रा कर रहे थे तभी अचानक दोनों मार्ग से भटक गये। फिर उनकी नौका भी उन्हें ऐसे स्थान पर…

Prerak Prasang: रंगजी की अलौकिक सुंदरता

Prerak Prasang: महापुरुषों की दृष्टि पड़ते ही क्षण भर में जीवन सुंदर हो सकता है। दक्षिण में एक भक्त हुए उनका नाम धनुदास था। प्रारम्भ में वे हेम्मबा नाम की…

Kavita: ज्यों निकल कर बादलों की गोद से

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से थी अभी इक बूँद कुछ आगे बढ़ी, सोचने फिर-फिर यही जी में लगी आह क्यों घर छोड़ कर मैं यूँ कढ़ी। दैव मेरे…

Kavita: ओ गॉड!

गॉड ये कैसा खेल हो गया, पप्पू फिर से फेल हो गया। खूब सिखाया, खूब पढ़ाया, तोते-जैसा उसे रटाया। इधर भेजकर, उधर भेजकर, जगह-जगह नाटक करवाया। फिर भी क्यों बेमेल…

Pauranik Katha: कौन था महिषासुर, कैसे हुई उत्तपत्ति और वध

Pauranik Katha: महिषासुर ब्रह्म ऋषि कश्यप और दनु का पौत्र (पोता) और असुरों के राजा रम्भ का पुत्र था। महिषासुर के पिता रंभ, असुरों के राजा थे। एक बार असुरों…

Navratri: माता दुर्गा के 51 शक्तिपीठ और उनके स्थान

Navratri: नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा चल रही है। माता के 51 शक्तिपीठों की नवरात्रि में विशेष महत्ता है। यहां हम 51 शक्तिपीठों के नाम और स्थान के बारे…

Navratri: भगवती को माँ दुर्गा क्यों कहा जाता है

Navratri: नवरात्रि चल रही है, जिसे हमलोग दुर्गापूजा के नाम से भी जानते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि माँ भगवती को माँ दुर्गा क्यों कहा जाता है। पौराणिक…

Kahani: कर्म भोग

अवश्यमेव भोक्तव्यं, कृतं कर्म शुभाशुभम्। Kahani: गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि प्रत्येक जीव को अपने किये हुए अच्छे एवं बुरे कर्मों के फल को भोगना पड़ता है।…

पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का दस्तावेज है ‘लोगों का काम है कहना’

सुदर्शन व्यास ‘लोगों का काम है कहना…’ पुस्तक का आखिरी पन्ना पलटते समय संयोग से महात्मा गांधी का एक ध्येय वाक्य मन–मस्तिष्क में गूंज उठा– ‘कर्म ही पूजा है’। जब…

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