Kahani: शरारती लड़के को जुलाहे की सीख

Kahani: एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा मिलनसार था। उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को…

Kavita: नदी की पुकार

नदी पुकार रही है हमको, मिल कर मुझे बचाओ। अविरल निर्मल सदा बहूं, य़ह सब को समझाओ।। मैं बची बचोगे तुम भी, य़ह सम्भावित सत्य है। तुम से है सम्बन्ध…

Kahani: एक चुटकी जहर रोजाना

Kahani: आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ। वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि…

Kavita: स्त्रियों की स्थिति अब बहुत बेहतर हो चुकी है

स्त्रियों की स्थिति अब बहुत बेहतर हो चुकी है जब-जब मुझे ऐसा कोई भ्रम होने लगता है मैं चला जाता हूँ सार्वजनिक शौचालय जहां दरवाज़ों के पीछे अनजान स्त्रियों के…

Pauranik Katha: भगवान भोलेनाथ की प्रेममय कथा

Pauranik Katha: गुणगान से तो भगवान प्रसन्न होते ही हैं, लेकिन भगवान अपने भक्त के गुणगान से और ज़्यादा प्रसन्न होते हैं। बहुत पुरानी बात है। किसी शहर में नंदी…

Kahani: मैं से बचो

Kahani: एक राजा था उसने परमात्मा को खोजना चाहा। वह किसी आश्रम में गया। उस आश्रम के प्रधान साधु महाराज ने कहा- जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे छोड़ दो।…

Book Review: सारगर्भित और सरल प्रस्फुटन है ‘नाथपंथ का इतिहास’

Book Review: योग को लोक कल्याण का ध्येय बनाने वाले नाथपंथ पर साहित्य सम्यक ज्ञानकोष के साथ ही अब इतिहास सम्यक, तथ्यपरक शब्द-ज्ञान संसार भी समृद्ध हो रहा है। नाथपंथ…

कजली तीज की वह भयानक रात!

Kajri Teej: प्रयागराज में जब मैं देश के सुविख्यात दैनिक ‘भारत’ में स्थानीय समाचार सम्पादक एवं मुख्य संवाददाता था तो मेरे वरिष्ठ सहयोगी रामनिधि शर्मा जिलों के समाचार के प्रभारी…

मूल परंपरा से संवाद जरूरी है

आधुनिकता प्रायः आकर्षण होती है। नई होती है और ताजी प्रतीत होती है। लेकिन वास्तविक आधुनिकता विचारणीय है। आधुनिकता नकली भी होती है। दरअसल आधुनिकता स्वयं में कोई निरपेक्ष आदर्श…

प्रभात झा: लोकसंग्रह और संघर्ष से बनी शख्सियत

यह नवें दशक के बेहद चमकीले दिन थे। उदारीकरण और भूमंडलीकरण जिंदगी में प्रवेश कर रहे थे। दुनिया और राजनीति तेजी से बदल रहे थी। उन्हीं दिनों मैं छात्र आंदोलनों…