Pauranik Katha: भगवान श्रीकृष्ण, चंद्रमा और 16 कलाएं
Pauranik Katha: लीला पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण ने चंद्रमा की 16 कलाओं से संयुक्त शरद पूर्णिमा की रात्रि को जिस महारास का आयोजन किया था, उपनिषद के मनीषी उसे अध्यात्म क्षेत्र की…
Pauranik Katha: लीला पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण ने चंद्रमा की 16 कलाओं से संयुक्त शरद पूर्णिमा की रात्रि को जिस महारास का आयोजन किया था, उपनिषद के मनीषी उसे अध्यात्म क्षेत्र की…
Pauranik Katha: गरुड़ जी को द्वार पर छोड़ कर श्री हरि विष्णु जी और योगमाया शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़…
Pauranik Katha: मार्कंडेय पुराण एवं श्री हरिवंश पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार कल्पान्त में भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर में शेष शैया पर योगनिद्रा में निमग्न थे। तभी उनके…
Pauranik Katha: भगवान शिव पार्वती जी को बताते हैं कि एक समय कैकेय देश पर महान राजा सत्यकेतु का शासन था। इस राजा के दो पुत्र थे, प्रताप भानु और…
Pauranik Katha: महामुनि मेधा ने राजा सुरथ और समाधि वैश्य को महा सरस्वती का चरित्र इस प्रकार सुनाया। प्राचीन काल में शुम्भ और निशुम्भ नामक दो परम पराक्रमी दैत्य उत्पन्न…
Pauranik Katha: लंका में महाबलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला। अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर…
Dussehra: दशहरा जिसे भारत में विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाता है। इस त्योहार का महत्व और…
Pauranik Katha: पं. श्रीशान्तनु बिहारी द्विवेदी (स्वामी श्री अखण्डानन्द सरस्वती) जब लौकिक कार्य वश घर से रवाना हो रहे थे, तो उनकी माता जी ने उन्हें तीन शिक्षाएं दीं। पहली-…
Pauranik Katha: अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित थे। राजा परीक्षित के बाद उन के पुत्र जन्मजेय राजा बने। एक दिन जन्मेजय वेदव्यास जी के पास बैठे थे। बातों ही बातों…
Pauranik Katha: गज और असुर के संयोग से एक असुर का जन्म हुआ। उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर कहा जाने लगा। गजासुर शिवजी का बड़ा भक्त…