लखनऊ। महिलाओं के साथ सार्वजनिक जगहों पर होने वाली हिंसा को कैसे रोका जाए और ‘5 डी’ रणनीति इसमें कैसे मददगार साबित हो सकती है? इस मुद्दे पर ब्रेकथ्रू और लॉरियल पेरिस के अभियान ‘स्टैंडअप अगेंस्ट स्ट्रीट हैरेसमेंट’ के अंतर्गत महाराजा बिजली पासी डिग्री कॉलेज में एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि डीसीपी रुचिता चौधरी शामिल हुई। कार्यक्रम में लगभग 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
यह भी पढ़ें- रक्तदान करने या उसमें सहयोग से होगा मंगल ही मंगल
महाराजा बिजली पासी डिग्री कॉलेज में ब्रेकथ्रू ने आयोजित की कार्यशाला
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीसीपी रुचिता चौधरी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए हम सभी को व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों तरह से प्रयास करने की जरूरत है किसी एक के प्रयास से महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को नहीं रोका जा सकता। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका बायस्टेंडर की है,उसे घटना के समय मूकदर्शक बन के नहीं रहना है उसे हिंसा को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने के जरूरत है,लेकिन खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए। इसके लिए 5डी जैसी रणनीति बहुत मददगार साबित हो सकती है जरूरत इसे समझने और अपनाने की है। 5डी रणनीति में डिस्ट्रैक्ट (ध्यान बांटना), डेलीगेट (किसी दूसरे की सहायता लेना), डॉक्यूमेंट (रिकॉर्ड रखना), डिले (रुकावट डालना), डायरेक्ट (सीधे तौर पर रोकना) शामिल है।
कार्यशाला के प्रशिक्षक शुभम तिवारी और सना उम्मीद ने कहा कि ब्रेकथ्रू महिला अधिकारों के लिए कार्य करने वाली संस्था है जो महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए पिछले 20 वर्षो से काम कर रही है। इसी कड़ी में हम लोग इस तरह की कार्यशाला के माध्यम से सार्वजनिक जगहों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने और बायस्टेंडर की भूमिका को प्रभावी बनाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न उदाहरणों और वीडियो-शो के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए 5डी की रणनीति के बारे में बताया, जिसमें डिस्ट्रैक्ट (ध्यान बांटना), डेलीगेट (किसी दूसरे की सहायता लेना), डॉक्यूमेंट (रिकॉर्ड रखना), डिले (रुकावट डालना), डायरेक्ट (सीधे तौर पर रोकना) शामिल है। यह एक ऐसा तरीका है जिसे आसानी से लोग अपनाकर सार्वजनिक जगहों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बना सकते हैं।
इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुमन गुप्ता ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन बढ़े स्तर पर करने की जरूरत है जिससे अधिक लोग इस मुद्दे को समझ पाएं और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित दुनिया बनाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए आगे आएं।