Aparna Yadav: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में अपर्णा यादव (Aparna Yadav) को राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। अपर्णा यादव (Aparna Yadav) जो समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बहू हैं, ने जनवरी 2022 में सपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामा था। अब, दो साल से अधिक समय बाद, उन्हें यह महत्वपूर्ण पद सौंपा गया है, जबकि यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारी चल रही है। यह नियुक्ति कई रणनीतिक और राजनीतिक संकेत देती है, जिनका विश्लेषण करना आवश्यक है।

राजनीतिक रणनीति और नियुक्ति की वजहें

उपचुनाव की तैयारी: बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं। पार्टी लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर हार का बदला लेना चाहती है और सपा के मजबूत गढ़ में जीत हासिल करने का प्रयास कर रही है। करहल सीट, जो सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई है, पर बीजेपी का विशेष ध्यान है। अपर्णा यादव की नियुक्ति के बाद, संभावना है कि वे करहल के चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इससे बीजेपी को सपा के खिलाफ एक प्रभावी प्रचारकर्ता मिल सकता है।

पार्टी में अपर्णा यादव को बनाए रखना: अपर्णा यादव ने सपा छोड़ने के बाद बीजेपी में शामिल होने के बावजूद अपनी पूर्व पार्टी और परिवार के सदस्यों के खिलाफ कठोर बयानबाजी से परहेज किया है। लोकसभा चुनाव के बाद, जब बीजेपी की उपेक्षा की बात सामने आई, तो यह माना जा रहा था कि अपर्णा पार्टी से असंतुष्ट हो सकती हैं और शायद वापसी कर सकती हैं। उन्हें राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने यह सुनिश्चित किया कि वे पार्टी में बनी रहें और सम्मानित महसूस करें।

महिलाओं के मुद्दों पर सपा को घेरना: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सपा को घेरने की रणनीति अपनाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न मामलों के जरिए सपा पर हमला किया है। अपर्णा यादव को राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर, बीजेपी ने एक मजबूत महिला चेहरे को सामने लाकर सपा को चुनौती देने की कोशिश की है। अपर्णा का महिला मुद्दों पर मुखर होना सपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।

पार्टी के अंदर अर्पणा का सम्मान: घोसी उपचुनाव हारने के बाद दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाने और अब अपर्णा की नियुक्ति के साथ, बीजेपी ने संदेश दिया है कि पार्टी में नए शामिल होने वाले नेताओं को भी सम्मान मिलेगा। यह दूसरे दलों के प्रमुख चेहरों को दिखाता है कि बीजेपी में आकर भी उन्हें उचित मान्यता और जिम्मेदारी मिल सकती है, जिससे पार्टी का इमेज भी सकारात्मक बनेगा।

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कौन हैं Aparna Yadav

अपर्णा यादव (Aparna Yadav), मुलायम सिंह यादव और उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के पुत्र प्रतीक यादव की पत्नी हैं। वे 2017 में लखनऊ कैंट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गई थीं। 2022 में, उन्होंने सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं, और अब उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति बीजेपी के लिए एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जो आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को मजबूत कर सकता है।

इस नियुक्ति को देखकर यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी ने अपर्णा यादव को एक महत्वपूर्ण भूमिका देकर राजनीतिक रणनीति के तहत उनका उपयोग करने की योजना बनाई है। यह न केवल उपचुनाव की तैयारी के लिए है, बल्कि पार्टी की अंदरूनी राजनीति और सपा के खिलाफ रणनीति को भी ध्यान में रखकर किया गया कदम है।

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