भोपाल: भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी का कहना है कि 2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी बोलगा। यह घटना भारत की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण बनेगी। वे छिंदवाड़ा स्थित हिंदी प्रचारिणी समिति द्वारा आयोजित हिंदी दिवस समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रो.द्विवेदी और साहित्यकार डा. मनीषा जैन का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष शिवकुमार गुप्ता, मंत्री श्याम सुंदर चांडक, डा. दिलीप खरे, पूर्व विधायक चौधरी गंभीर सिंह, भाजपा नेता शैलेन्द्र रघुवंशी, नवनीत व्यास, प्रकाश साव विशेष रूप से उपस्थित रहे।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि हिंदी और भारतीय भाषाओं का यह अमृतकाल है, जिसमें वे वैश्विक पहचान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा समाज स्वभाव से बहुभाषी है, इसलिए भारतीय भाषाओं के बीच अंतर संवाद हजारों वर्षों से बना हुआ है। यह समान संवेदना हमें विविध भारतीय भाषाओं के साहित्य ने दी है। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक सोच और आत्मदैन्य से मुक्ति ही भारतीय भाषाओं के सम्मान का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उल्लेखनीय है कि हिंदी प्रचारिणी समिति, छिंदवाड़ा की स्थापना 1935 में की गई थी। पिछले 9 दशक से यह संस्था पुस्तकालय, वाचनालय, विद्यालय संचालन सहित विभिन्न गतिविधियों से हिंदी सेवा में संलग्न है।
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