लखनऊ: देश की आजादी ऐसे ही नहीं मिल गई थी, इसके लिए क्रांतिकारियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। हमारी युवा पीढ़ी स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर उनके सपने को पूरा करने के लिए अपना और अधिक मेहनत और परिश्रम करें। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि शौर्य चक्र से सम्मानित कॉर्पोरल अमर कुमार बाजपेई ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 26वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।
मुख्य अतिथि शौर्य चक्र से सम्मानित कॉर्पोरल अमर कुमार बाजपेई ने कहा कि हमारे अंदर दृढ़ इच्छा शक्ति है बड़े से बड़े कार्य आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी आजादी के महत्व के बारे में जान सके, इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अपने मनोबल को मजबूत रखना चाहिए। हमारे अंदर जो क्षमता है, उसके अनुरूप ही कार्य करना चाहिए। युवाओं को अपने विवेक का इस्तेमाल कर अपनी काबिलियत का परिचय देना चाहिए। यदि आपको सफलता मिलने में देरी हो रही है तो परेशान न हों, लगातार प्रयास करना चाहिए।
जब हम स्वस्थ रहेंगे तभी राष्ट्र की रक्षा कर सकेंगे
विशिष्ट वक्ता केजीएमयू के निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जीपी सिंह ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी हमारे देश का भविष्य है। हम जब तक स्वस्थ नहीं रहेंगे, अपने देश की रक्षा कैसे कर सकेंगे। स्वस्थ रहने के लिए हमें अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के निर्माण के लिए हमें एक अच्छा नागरिक भी बनना जरूरी है। इसके लिए हमें अपने आचरण को अच्छा रखना चाहिए। हमेशा बड़ों का सम्मान और जीव-जंतुओं पर दया करनी चाहिए।
स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग से हमारा देश सशक्त बनेगा
कार्यक्रम अध्यक्ष एकल अभियान के केन्द्रीय प्रमुख माधवेन्द्र सिंह ने कहा कि वर्तमान युग को विद्वानों ने आर्थिक युग के रूप में परिभाषित किया है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपने लाभ की चिंता करता है। वह हर कार्य के बदले में लाभ की बात करता है। उन्होंने कहा कि हम लोग विदेशी चीजों को ज्यादा अहमियत देते हैं, जबकि हमें स्वदेशी चीजों पर ही निर्भर रहना चाहिए। विदेशी वस्तु हमारे देश की चीज से ज्यादा अच्छी है, हमें इस सोच को बदलने की जरूरत है। स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग से हमारा देश सशक्त बनेगा। हम सभी राष्ट्रहित के बजाय स्व हित ज्यादा सोचते हैं। हम सभी जब राष्ट्रहित के बारे में सोचेंगे, तभी हमारा देश विश्वगुरु बन पाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बाजार का उदाहरण देते हुए राष्ट्रहित में स्वदेशी वस्तुओं के उपभोग के लिए प्रेरित किया।
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उन्होंने कहा कि भारत भूमि सेवा के लिए भी जानी जाती रही है, यहां पर मानव सेवा को श्रेष्ठ माना गया है। इस देश में अनेकों महापुरुषों और मातृ-शक्तियों ने जन्म लिया। जिन्होंने मानवता की सेवा के लिए अपने सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। लेकिन यहां के लोगों को विदेश के ही समाज सेवी याद रहते हैं और वह उन्हें ही अपना आदर्श मानते हैं। इस सोच को बदलने की जरूरत है।
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे ने सभी अतिथियों का परिचय कराया और कार्यक्रम की प्रस्ताविकी पूर्व सैनिक सेवा परिषद के आरडी तिवारी ने रखी। इतिहास संकलन समिति अवध प्रांत की सदस्य डा. रश्मि श्रीवास्तव ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस अवसर पर शौर्य चक्र से सम्मानित कॉर्पोरल अमर कुमार बाजपेई की पत्नी कल्पना दीक्षित, पूर्व सैनिक सेवा परिषद की पारिजात मिश्रा, सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निरालानगर लखनऊ के छात्र-छात्राएं सहित कई लोग मौजूद रहे।
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