लखनऊ: आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Festival) के अवसर पर भारतीय भाषा आंदोलन का शंखनाद समूचे देश में चल रहा है। 14 जून से 18 जून तक वीरांगना न्यायाग्रह यात्रा काशी से ग्वालियर तक पहुंच रही है। यह जानकारी उच्च न्यायालय लखनऊ की अधिवक्ता अनीता तिवारी ने देते हुए बताया कि उक्त यात्रा भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी से चलकर प्रयागराज, सुल्तानपुर, अयोध्या होते हुए लखनऊ 16 जून को पहुंच रही है।
यात्रा के लखनऊ पहुंचने पर महिला टीम द्वारा उच्च न्यायालय स्थित महामना सभागार में दोपहर एक बजे से अधिवक्ताओं के मध्य सभा का आयोजन किया गया है। अधिवक्ता श्रीमती तिवारी ने बताया कि इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य जनता को न्याय जनता की भाषा में है। उन्होंने कहा कि भारत को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो गए किन्तु अभी तक न्यायालय की भाषा अंग्रेजी बनी हुई है, जो जनता के हित में नहीं है। आज आवश्यकता है कि जनता को न्याय जनता जनार्दन की भाषा में होना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि जब देश स्वतंत्र हुआ तो राज्यो का गठन भाषा के आधार पर हुआ। जब हमारे देश में राज्यों का गठन भाषायी आधार पर किया जाता है तो जनता को उसकी भाषा में न्याय क्यों नहीं प्रदान किया जा सकता? जब तक देश के सभी स्तरों के न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में कार्य ही होता,तब तक जनता को वास्तविक न्याय प्राप्त होना असम्भव है।
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