नई दिल्ली। नए संसद भवन के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट से भी मंजूरी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा योजना को हरी झंडी दिखा दी है। इस योजना को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उनकी पीठ सरकार केंद्र सरकार को इस योजना को पूरा करने के लिए मंजूरी दे रही है। बता दें कि आचिकाकर्ता की तरफ से परियोजना के लिए पर्यावरण की मंजूरी दिए जाने तथा इसके लिए भूमि उपयोग में बदलाव सहित अनेक बिंदुओं पर सवाल खड़े किए गए थे। इस याचिका पर जस्टिस एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने 5 नवंबर को सुनवाई की थी।
Central Vista project: Supreme Court says excercise of the power under DDA Act is just and valid. The recommendations of environmental clearance by Ministry of Environment is just, valid and proper and we uphold the same. https://t.co/mDe0P11qXK
— ANI (@ANI) January 5, 2021
सरकार के नए प्रस्ताव के अनुसार सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के लिए प्रधानमंत्री के नए आवसीय परिसर में दस इमारतें चार मंजिला होंगी, जिसकी अधिकतम ऊंचाई 12 मीटर होगी। सूत्रों के अनुसार सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को अलग रखने का सवाल ही नहीं उठता। जबकि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने पर्यावरण और वन मंत्रालय की विशेष समिति के समक्ष नए प्रस्ताव में इसका जिक्र नहीं किया था। वहीं परियोजना को लागू करा रहे सीपीडब्ल्यूडी ने निर्माण के अनुमानित लागत को भी 11,794 करोड़ रुपए की जगह अब 13,450 करोड़ रुपए कर दिया है।
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सीपीडब्ल्यूडी ने अपने प्रस्ताव में बताया है कि 15 एकड़ भूखंड पर प्रधानमंत्री का नया आवास बनेगा। इसमें 10 इमारतें होंगी, जो भूतल के साथ तीन मंजिला होगी। नया प्रधानमंत्री का आवास 30,351 वर्ग मीटर में फैला रहेगा। वहीं स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के लिए 2.50 एकड़ भूमि आवंटित की जानी है। सीपीडब्ल्यूडी ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में राष्ट्रपति इनक्लेव भी होगा, जिसका निर्माण 15 एकड़ भूखंड पर किया जाएगा। इसके लिए 5 मंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। इसकी ऊंचाई 15 मीटर की होगी। उपराष्ट्रपति इनक्लेव में कुल 32 इमारतें होगी।
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