नई दिल्ली: अफगानिस्तान में खौफ और दहशत के बीच तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। तालिबान राज आने के बाद सबसे ज्यादा खौफजदा यहां की महिलाएं हैं। उनके हक और अधिकार को छीन लिया गया है। उनकी आजादी पर पहरा लगा दिया गया है। जबकि तालिबान ने शुरुआत में महिलाओं और बच्चों को उनके अधिकार दिए जाने की बात कहीं थी। इससे यह लगने लगा था कि तालिबान बदल चुका है। लेकिन सरकार का गठन होते ही तालिबान अपने असली रूप में आ गया है। महिलाओं को सरकार में शामिल करने की बात पर तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा है उन्हें बच्चा पैदा करना चाहिए, उनका कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है।
बता दें कि तालिबान ने हाल ही में अपनी कैबिनेट बनाई है, जिसमें 33 लोगों को शामिल किया गया है। लेकिन इसमें एक भी महिला को जगह नहीं दी गई है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि महिलाओं को कैबिनेट में जगह नहीं दी जा सकती, वे इसका निर्वाहन नहीं कर पाएंगी। यह जिम्मेदारी उनके गर्दन पर बोझ जैसा होगा, जिसे वह उठा नहीं पाएंगी। उन्होंने कहा, महिलाओं का कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है, उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। वहीं तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर उन्होंने कहा कि प्रर्दशनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही हैं।
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गौरतलब है कि हक और अधिकार छीने जाने के बाद अफगानिस्तान में महिलाएं जगह-जगह तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं तालिबान की तरफ से इन महिलाओं के साथ क्रूरता की सारी हदें भी पार की जा रही हैं, जिसकी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। इसके बावजूद भी महिलाएं उनकी बंदूक से डरे बिना सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं कई दिनों से जारी प्रदर्शन के बीच तालिबान सरकार के आंतरिक (गृह) मंत्रालय ने प्रदर्शनों को खत्म कराने के लिए शासनादेश जारी कर दिया है। जानकारी के मुताबिक अब यहां किसी भी तरह के प्रदर्शन के लिए अनुमति लेनी होगी। इतना ही नहीं प्रदर्शन के दौरान लगने वाले नारों और बैनरों के लिए भी मंजूरी लेनी होगी।
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