नई दिल्ली: कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की तरफ से आयोजित ‘किसान संसद’ में तीनों कानूनों को निरस्त करने को लेकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने यह जानकारी देते हुए बताया प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सरकार किसानों की मदद करने में पूरी तरह विफलता साबित हुई है। उन्होंने बताया कि ‘किसान संसद’ में ईंधन की कीमतों में वृद्धि और पेगासस जासूसी विवाद सहित अन्य मुद्दे शामिल थे।
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में 200 किसान रोजाना संसद के पास जंतर मंतर में एकत्र होते हैं और ‘किसान संसद’ का आयोजन कर किसानों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करते है। बता दें कि संसद में इस समय मानसूत्र सत्र चल रहा है। वहीं किसान संगठन एसकेएम ने बताया कि ‘किसान संसद’ में सरकार के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव इस तथ्य पर आधारित था कि लाखों किसान देश भर में कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों को पूरा करने की जगह किसान विरोधी कदम उठा रही है।
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बता दें कि 26 हनवरी को किसानों की तरफ से दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया था। इस दौरान लाल किला पर किसान हिंसक हो गए थे। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे। इसके बाद किसान आंदोलन बैकफुट पर आ गया था। कई किसानों का समूह वापस भी लौट गया था। लेकिन बाद में कुछ किसान नेताओं ने फिर से आंदोलन की कमान को संभाला जो आज भी जारी है। सरकार की तरफ से किसानों को कृषि कानूनों को स्थगित करने का भी प्रस्ताव दिया गया, लेकिन किसान इसे पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।
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