टोक्यों। भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई। हालांकि सेमीफाइनल में अर्जेंटीना और उसके बाद ब्रॉन्ज मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। पदक से चूकने के बाद टीम इंडिया की खिलाड़ी मैदान पर ही फूट-फूटकर रोने लगीं। सविता पूनिया, वंदना कटारिया, कप्तान रानी रामपाल और नेहा गोयल समेत तमाम खिलाड़ी भावुक हो गयीं।

इन सभी खिलाड़ियों ने पूरे टूर्नामेंट गजब का प्रदर्शन किया। ब्रिटेन की खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के प्रदर्शन की तारीफ की और भारतीय खिलाड़ियों को सम्मान भी दिया। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों के सम्मान में खड़े होकर तालियां बजाईं। वहीं मैदान से भारतीय महिला टीम को रोता देख ब्रिटेन की खिलाड़ी भावुक हो गयीं और भारतीय टीम को संतावना देने लगीं। पीएम मोदी ने उन्हें समझाया कि उन्हें रोना नहीं चाहिए, पूरे देश को उन पर नाज है। साल 2016 के रियो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाली ब्रिटिश टीम ने अपने आठवें ओलंपिक में तीसरी बार कांस्य पदक जीता है।

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भारतीय टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही इतिहास रच दिया था। मगर लेकिन 2016 रियो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता ब्रिटेन को हरा नहीं सकी। भारतीय महिला टीम ने पांच मिनट के भीतर तीन गोल किए। गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट में जबकि वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में गोल दागे। वहीं, ब्रिटेन के लिए एलेना रायेर ने 16वें, साारा रॉबर्टसन ने 24वें, कप्तान होली पीयर्ने वेब ने 35वें और ग्रेस बाल्डसन ने 48वें मिनट में गोल दागे। बता दें कि भारतीय महिला हॉकी टीम मास्को ओलंपिक 1980 में भी छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। महिला हॉकी ने तब ओलंपिक में पदार्पण किया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गए थे, जिसमें शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें फाइनल में पहुंची थी।

चौथे स्थान पर रहना छोटी बात नहीं, लेकिन पदक चूकने का मलाल: रानी

Rani Rampal-led Indian women's hockey team leaves for Argentina tourभारतीय हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को अपनी टीम के प्रयास पर नाज है लेकिन वह ऐतिहासिक पदक चूक कर चौथे स्थान पर रहने से आहत हैं। रानी ने इस मैच के बाद कहा, ‘‘ हम बहुत निराश महसूस कर रहे हैं क्योंकि हम (पदक के) इतने करीब थे। हम 2-0 से पिछड़ रहे थे और फिर हमने बराबरी की और हम 3-2 से बढ़त हासिल करने में भी सफल रहे। मुझे नहीं पता कि क्या कहना है, लेकिन हाँ बहुत दुख हो रहा है क्योंकि हम कांस्य पदक नहीं जीत सके।’’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ मुझे हालांकि लगता है कि सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, इसलिए मुझे टीम पर गर्व है। ओलंपिक खेलों में खेलना और शीर्ष चार में जगह बनाना आसान नहीं है। हमने लंबा सफर तय किया। मुझे लगता है कि अब हम काफी करीब थे, लेकिन कभी-कभी करीब होना भी अच्छा नहीं होता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे हालांकि अब भी टीम पर गर्व है। हमने पूरे टूर्नामेंट में इतनी मेहनत की और एक साथ एक टीम के रूप में खेले।’’

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