Kahani: इस प्रेम कहानी के पात्र हैं मनीष और सिल्फ़। वो एक-दूसरे को सोशल मीडिया पर फ़ॉलो किया करते थे, लेकिन ज़्यादा जानते नहीं थे। यहाँ तक कि दोनों एक-दूसरे का असल नाम भी नहीं जानते थे। हां, इतना था कि दोनों एक-दूसरे की कला से परिचित थे। मनीष को सिल्फ़ की नज़्में पसंद थीं और सिल्फ़ को मनीष की कविताएं, उनके लिखे अनजान ख़त और उनकी लेखनी।

दोनों ने एक-दूसरे को पहली बार दिल्ली के कॉफ़ी हाउस में देखा। लेकिन ये मुलाक़ात कुछ अधूरी सी रही, इस अधूरी सी मुलाक़ात में नाम तक नहीं पूछा। समय के साथ मनीष जम्मू यूनिवर्सिटी से अपनी पीएचडी करने निकल गए और सिल्फ़ अपनी नज़्मों, कहानियों, ख़तों के साथ दिल्ली में रहीं।

मनीष के जम्मू जाते ही देश में कोविड लॉकडाउन लग गया, जिसकी वजह से दोनों के फिर से मिलन की संभावनाएँ ख़त्म हो गईं। कोविड के समय में सबकी तरह मनीष भी अपने ही कमरे में जैसे-तैसे वक्त बिता रहे थे। एक दिन मनीष को अपने मेल पर एक पत्र प्राप्त होता है। यह पत्र उसी लड़की की तरफ़ से था जो उसे कॉफ़ी हाउस में मिली थी। इंस्टेंट मैसेजिंग के ज़माने में ख़तों के ज़रिए बात करने वाले लोग विलुप्त होते जा रहे हैं। यह पहली बार था जब दिल्ली की हवाओं ने ख़तों का रूप लेकर जम्मू में दस्तक दी।

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कभी-कभी यह हवा दिन में चार बार चलती तो कई बार चार महीने बीत जाते और हवा दरवाजे पर दस्तक तक नहीं देती। इन हवाओं में हंसना था तो रोना भी था, प्रेम था तो गुस्सा भी था, सुख था तो दुख भी था, लेकिन यह हवा चलती ही रही। ये ख़तों का सिलसिला लगभग 2 सालों तक चला। कोविड काल में घटी हो रही सुंदर घटनाओं में से एक यह थी।

लॉकडाउन के बाद दोनों दिल्ली की सड़कों पर मिले, उन इमारतों पर मिले जिनका ज़िक्र उनके ख़तों में था। रिश्ते की नींव इतने ठहराव के साथ रखी गई थी कि पूरी ज़िंदगी की इमारत भी इस पर बनाई जा सकती थी। जब दोनों एक-दूसरे को बेहतर तरीक़े से जानने लगे तो उन्होंने शादी करने का फ़ैसला किया।

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दोनों चाहते थे कि शादी कम समय में हो और एक अलग तरीक़े से हो, जिसमें पुराने रीति-रिवाज़ कम हों और प्रेम के रीति-रिवाज़ ज़्यादा हों। आख़िरकार 10 मार्च, 2024 में उन्होंने रीति-रिवाज़ से शादी की और इस शादी की ख़ास बात यह थी कि इन्होंने मेहमानों को किताबें गिफ़्ट में दीं ताकि लोग किताब पढ़ सकें और किताबों से जुड़ सकें। हाल ही में मनीष और सिल्फ़ के प्रेम पत्रों का संग्रह किताब के रूप में आया जिसका नाम है “लिफ़ाफ़ा”। इस तरह की प्रेम कहानी और किताब आजकल मुश्किल से मिलती हैं।

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