सुमित मेहता
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एकबार फिर सारे दल अपनी-अपनी जीत के दावे करने लगे हैं। हालांकि बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए कई प्रमुख पार्टियों ने इंडिया नाम का गठबंधन भी किया है। लेकिन पिछले चुनावों के वोट प्रतिशत पर अगर नजर दौड़ाएं तो इंडिया गठबंधन बीजेपी के वोट प्रतिशत के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता। मजे की बात यह है मायावती जिनका वोट एनडीए गठबंधन को प्रभावित कर सकता है, वो इंडिया गठबंधन से फिलहाल अभी दूर ही हैं। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर सभी दलों की नज़रे हैं। विपक्ष 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के दावे कर रहा है, लेकिन राज्य में बिना मायावती के साथ के इंडिया गठबंधन NDA गठबंधन को आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल शिकस्त देता नहीं दिख रहा है।
उत्तर प्रदेश में करीब 50 प्रतिशत वोट बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले थे। वहीं बसपा को लगभग 19.5 प्रतिशत और सपा को करीब 18 प्रतिशत वोट पिछले लोकसभा चुनाव में मिले थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भले ही सपा के वोट प्रतिशत में बड़ा उछाल आया था और उसे 2017 के 21.8% के मुकाबले 2022 में 32.06% वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 2014 के मुकाबले 2019 में खराब रहा था।
पार्टी को 2014 में 22.35% और 2019 में 18.11% वोट मिले थे। इसके आलावा कांग्रेस को 2014 में 7.53% और 2019 में 6.36% वोट मिले थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में अगर सपा और कांग्रेस मिलकर लड़ते हैं और 2019 के चुनाव दोनों दलों को मिलने वाले वोटों को मिला भी दिया जाये, तो कुल वोट प्रतिशत पहुंच रहा है 24 से 25 प्रतिशत था। वहीं बीजेपी को करीब करीब 50 प्रतिशत वोट मिले थे, ऐसे में फिलहाल इंडिया गठबंधन यूपी में तो बीजेपी को रोकने में कामयाब होते नहीं दिख रहा है। क्योंकि सपा और कांग्रेस मिलकर भी बीजेपी को टक्कर देते हुए आकड़ों के मुताबिक दिख नहीं रहे हैं।
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वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष के चक्रव्यूह में तभी ताकत आ सकती है, जब बसपा को मिलने वाले 19.5 वोट भी विपक्षी गठबंधन के खाते में जाए और अगर ऐसा होता है, तो बीजेपी 80 में से 40 सीटें सीधे गंवा सकती है। बता दें कि मायावती को 19.77% वोट 2014 में भी मिले थे। यानी मोदी लहर होने के बाद भी यूपी में बसपा का वोट प्रतिशत 2014 और 2019 में करीब-करीब एक जैसा ही रहा। बसपा गठबंधन में शामिल होने से विपक्ष को न सिर्फ यूपी में बड़ा फ़ायदा होगा, बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी और रिजल्ट कुछ और ही चौका देने वाला होगा।
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