Revanth Reddy Oath Ceremony: तेलंगाना को आज अपना नया नेतृत्वकर्ता मिलने जा रहा है। तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी 7 दिसंबर को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। 56 वर्षीय रेवंत रेड्डी का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार दोपहर 1:04 बजे से हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सीएम के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को काफी भव्य बनाया गया है, इसमें करीब एक लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में आने वाली भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। राज्य की मुख्य सचिव ए. शांति कुमारी, डीजीपी रवि गुप्ता ने कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर एक दिन पहले वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। अधिकारियों ने शपथ ग्रहण स्थल स्टेडियम का जायजा भी लिया था।
शपथ ग्रहण समारोह में ये होंगे शामिल
सूत्रों के मुताबिक, शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे पार्टी के बड़े चेहरे शामिल होंगे। इसके साथ ही पार्टी के कई और वरिष्ठ नेता भी इस समारोह में उपस्थित रहेंगे। इसके अलाव कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री में कार्यक्रम में शामिल होंगे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा होंगे। सीपीआई महासचिव डी. राजा रेवंत रेड्डी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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8-9 मंत्रियों को दिलाई जा सकती है शपथ
खबरों के मुताबिक, रेवंत रेड्डी के साथ मल्लू भट्टी विक्रमार्क को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। चर्चा है कि रेवंत और मल्लू भट्टी के साथ 8-9 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है। सूत्रों की मानें तो रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में उत्तम कुमार रेड्डी, डी. श्रीधर बाबू, पोन्नम प्रभाकर, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, जी. विनोद और सीताक्का जैसे दिग्गज नेताओं को शामिल शामिल किया जा सकता है। माना जा रहा है वाईएस राजशेखर रेड्डी सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे दामोदर राजा नरसिम्हा को भी रेवंत रेड्डी कैबिनेट में अहम पद मिल सकता है। गौरतलब है कि तेलंगाना विधानसभा में 119 सदस्य हैं। ऐसे में यहां मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 18 मंत्री बनाए जा सकते हैं। क्योंकि, कैबिनेट में सदस्यों की संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या का 15 पर्सेंट ही रखने का प्रावधान है।
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