Pangong Lake Bridge: लद्दाख क्षेत्र में चीन की तरफ से भारत के हिस्से में किए गए अतिक्रमण को लेकर दोनों देशों के बीच जारी तनाव एकबार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। एक तरफ जहां दोनों देशों के बीच जारी तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ चीन ने पैंगोंग लेक (Pangong Lake) पर दूसरे पुल का निर्माण कर लिया है। मीडिया में निर्माण की खबरों के आने के बाद इस मामले पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि दोनों ही पुल चीन के इलाके में हैं, जिस पर 1960 से चीन ने अवैध तरीके से कब्जा जमा रखा है। इसी के साथ उन्होंने कहा है कि हमने न तो कभी चीन के इस कब्जे को स्वीकार किया है और न ही इस क्षेत्र में किसी निर्माण को स्वीकार कर सकते हैं। बता दें कि भारत ने कई मौकों पर यह साफ कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर उसका अविभाज्य अंग है।
उन्होंने चीन इंगित करते हुए कहा है कि हमारी अपेक्षा है कि अन्य देश भारत की सम्प्रभुता और अक्षुण्णता का सम्मान करें। भारत सरकार देश की सुरक्षा से जुड़े सभी घटनाक्रमों पर नजरे बनाए हुए है और इसको सुनिश्चित करने के सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। बताते चलें कि पूर्वी लद्दाख की विवादित पैंगोंग झील पर चीन की पीएलए ने दूसरे पुल का निर्माण-कार्य शुरू कर दिया है। ओपन-सोर्स इंटेलीजेंस, डेड्रस्फा (डैमिन सिमोन) ने सैटेलाइट इमेज के माध्यम से इस बात का खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि चीन ने इस पुल का निर्माण भी पहले ब्रिज की तरह ही अपने अधिकार-क्षेत्र वाली झील पर शुरू किया है। मगर भारत के लिए चिंता की बात ये है कि यह एलएसी के काफी करीब में तैयार किया गया है।
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जानकारी के मुताबिक डेट्रस्फा ने जो सैटेलाइट तस्वीर जारी की है, उससे मालूम चल रहा है कि दूसरा पुल पहले ब्रिज से सटा हुआ है। इसी के साथ ही दूसरा पुल पैंगोंग झील के दोनों छोर यानी उत्तर और दक्षिण की तरफ से बनाया जा रहा है। यह पुल पहले वाले ब्रिज से एकदम सटा हुआ है, जिसका निर्माण-कार्य हाल ही में चीन ने पूरा किया था। अंदाजा लगाया जा रहा है कि चीन की पीएलए सेना आने और जाने के लिए अलग-अलग पुलों का निर्माण कर रही है। या फिर यह भी हो सकता है कि एक पुल पैदल-सैनिकों के लिए हो और दूसरा टैंक, आर्म्ड पर्सनेल कैरियर (एपीसी) और दूसरे मिलिट्री-व्हीकल्स के लिए उपयोग किया जाए।
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