लखनऊ: युवा पीढ़ी हमारे देश का भविष्य है, जिनकी ज़िम्मेदारी देश को आगे बढ़ाने की है। ऐसे में हमें देश के प्रति कर्त्तव्यों को समझना होगा और तभी हमारे अंदर देशभक्ति की भावना उत्पन्न होगी। यदि हम अपने कर्तव्यों का सही से निर्वाह नहीं करेंगे तो हमारा देश कमजोर हो जाएगा। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित एयर मार्शल अमित तिवारी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 29वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।
युवा पीढ़ी पुष्प के समान, पूरे विश्व को करें सुगंधित
मुख्य वक्ता केजीएयू के पूर्व कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि आज हम एक स्वतंत्र राष्ट्र में शांति एवं निश्चित होकर जीवनयापन कर रहे हैं। इसी आजादी के लिए अनेक वीरों ने अपने प्राण बलिदान किए हैं। इसके साथ ही सुरक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक सीमाओं पर डटे हैं, इसलिये अपने देश और उसके प्रहरी वीर सैनिकों के प्रति प्रेम एवं सम्मान की भावना हर नागरिक का परम कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि हमारे छात्र-छात्राएं पुष्प के समान हैं, जिनसे हमें उम्मीद है कि वह पूरे विश्व को अपनी खुशबू से सुगंधित करें। यह तभी संभव हो पाएगा, जब युवा पीढ़ी अपने जीवन को मां भारती की सेवा में समर्पित करेगी। जब हम अपने देश के विकास के लिए योगदान देंगे तो यही हमारे देश की आज़ादी के लिए निःस्वार्थ भावना से बलिदान देने वाले बलिदानियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्य अतिथि परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित एयर मार्शल अमित तिवारी ने अपने सैन्य अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद बहुत से बदलाव हुए हैं। पहले सिर्फ पाकिस्तान को ही हम अपना शत्रु समझते थे, लेकिन आज पूरी दुनिया में हमारा वर्चस्व बढ़ रहा है, इसलिए हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। हमारी सेनाएं आज आधुनिक शस्त्रों से लैस हैं, जो अपने देश की सुरक्षा के साथ-साथ दूसरे देशों की मदद के लिए भी सक्षम हैं।
आधुनिक युग में तकनीक के बिना कुछ भी संभव नहीं
विशिष्ट अतिथि सूचना तकनीकी विशेषज्ञ अमिताभ बैनर्जी ने कहा कि आज का समय तकनीक का है, तकनीक के बिना कुछ भी सम्भव नहीं है। वर्तमान समय में सभी क्षेत्रों में तकनीक ने अपनी एक अलग छवि बना रखी है। आज के युग में छात्रों के लिए जितने अवसर और सुविधाएं, ज्ञान प्राप्त करने के लिए हैं, ये सारी सुविधाएं पहले नहीं हुआ करती थीं। पहले तो बस कॉपी, किताब और कलम हुआ करती थी। लेकिन अगर आधुनिक युग की बात करें तो आज कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, ऑनलाइन-नोट्स और पीडीएफ का जमाना आ गया है। कोरोना काल में भी तकनीक ने शिक्षा जगत में एक अलग पहचान बनाई है। विद्या भारती ने देश का पहला स्वदेशी ऐप एलएमएस लांच कर शिक्षा क्षेत्र को अलग दिशा देने का कार्य किया है।
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संस्कृति और संस्कार को संरक्षित करने की आवश्यता
कार्यक्रम अध्यक्ष आईआईएमटी के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने कहा कि जिस देश की संस्कृति और संस्कार खो जाता है, वह देश पतन के रास्ते पर चला जाता है। हमारी संस्कृति और संस्कार पूरी दुनिया में एक अलग पहचान रखती हैं। हम अपनी संस्कृति और संस्कार को खोते चले जा रहे हैं, इसे बचाए रखने की आवश्यकता है। वर्तमान में हम विदेशी संस्कृति को अपना रहे हैं, यह चिंता का विषय है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकार में होगा।
कार्यक्रम में आए अतिथियों का परिचय विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे जी ने कराया। बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर ने सभी अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस अवसर पर परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित एयर मार्शल अमित तिवारी की पत्नी पूनम तिवारी, डॉ. नीरज शुक्ल, मेजर हिमांशु, लेफ्टिनेंट कर्नल कमल सिंह, सूबेदार प्रसिद्ध नारायण मिश्रा, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर मॉडल हाऊस लखनऊ के छात्र-छात्राएं सहित कई लोग मौजूद रहे।
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