UP News: मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना में 4 नए विश्वविद्यालय के साथ ही 37 महाविद्यालयों को भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। वर्तमान में 05 विश्वविद्यालयों एवं 23 महाविद्यालयों में कृषि एवं गृह विज्ञान के विद्यार्थियों को 3000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। योजना का लाभ अधिकाधिक युवाओं को मिले, इसके लिए कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बांदा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी को शामिल किया गया है।
874.71 लाख से अयोध्या में बनेगी टिशू कल्चर प्रयोगशाला
विगत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंडी परिषद की बैठक हुई थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि फसलों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्णरोपण सामग्री, बागवानी फसलों के गुणवत्ता पूर्णरोपण एवं रोग मुक्त बनाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या) में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए। यह प्रयोगशाला कम से कम 03 हेक्टेयर के विशाल परिसर में स्थापित हो। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी। इस पर 874.71 लाख रुपये खर्च होंगे।
इसे भी पढ़ें: भगवान जगन्नाथ की तुलसीदास पर कृपा
5 विश्वविद्यालयों और 23 महाविद्यालयों के छात्रों को मिल रही छात्रवृत्ति
योजना के अंतर्गत वर्तमान में 05 विश्वविद्यालयों एवं 23 महाविद्यालयों में कृषि एवं गृह विज्ञान के छात्रों को 3000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। उप्र कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार 04 विश्वविद्यालयों व 37 महाविद्यालयों को इस योजना में जोड़ने पर छात्रवृत्ति में प्रथम वर्ष लगभग 2.65 करोड़ का व्ययभार आयेगा, जो 03 वर्ष बाद लगभग 6.63 करोड़ वार्षिक व्ययभार में परिवर्तित हो जायेगा। मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत पूर्व में दी जाने वाली छात्रवृत्ति का व्ययभार अधिकतम 5.13 करोड़ रुपये आता है। योजना के लिए बजट में 15 करोड़ की धनराशि बजट में प्रस्तावित की गई है।
इसे भी पढ़ें: शिवराज चौहान का हस्र भी कर्नाटक की तरह होगा