UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का शुरूर अपने चरम पर है। सभी राजनीतिक दल के नेता अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते रैली व जनसभा करने पर रोक लगी हुई है, जिसके चलते चुनाव का डिजिटलीकरण हो गया है। सोशल मीडिया चुनाव प्रचार का सशक्त माध्यम बन गया है। वर्चुअल रैली के माध्यम से नेता लोगों से संवाद स्थापित कर रहे हैं। पूरा विपक्ष जहां सरकार की नाकामियों को गिनाने में लगा हुआ है, वहीं भाजपा योगी सरकार की उपलब्धियों को लेकर चुनाव प्रचार में हैं। सीएम योगी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी रैली की कमान संभालने जा रहे हैं। पीएम मोदी 31 जनवरी को यूपी चुनाव के लिए भाजपा की अपनी वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगे।
पीएम मोदी के इस वर्चुअल रैली में पहले चरण में मतदान होने वाले जिलों को फोकस किया जाएगा। ज्ञात हो कि चुनाव आयोग ने कोविड के खतरों के चलते रैलियों और रोड शो पर 31 जनवरी तक प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में अगर यह प्रतिबंध आगे और बढ़ता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी तरह रैलियों को संबोधित करेंगे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों से पता चला है कि 31 जनवरी को पीएम मोदी की होने वाली वर्चुअल रैली की तैयारी इस तरह की गई है कि एक बार में पश्चिमी यूपी की कम से कम 4-5 जिलों को कवर किया जा सके। जानकारी के अनुसार यह रैली सहारनपुर, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और गौतम बुद्ध नगरआदि जिलों को कवर करेगी।
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इस रैली के माध्यम से बीजेपी की तैयारी करीब 21 विधानसभा क्षेत्रों को साधने की है। फिलहाल इसे आयोजित कराने को लेकर मसौधा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इन सभी जिलों में पीएम की वर्चुअल रैली के लिए प्रत्येक भाजपा मंडल में एक एलईडी स्क्रीन होगी। वहीं एक एलईडी स्क्रीन के माध्यम से करीब 500 लोगों को संबोधित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह एलईडी स्क्रीन के माध्यम से एक वर्चुअल रैली के जरिए पार्टी की योजनाओं से करीब 50,000 लोगों को अवगत कराने की तैयारी है।
बताया जा रहा है कि एलईडी स्क्रीन के साथ ही सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्मों पर पीएम मोदी के भाषण का लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा थिंक टैंक एकबार फिर पीएम मोदी की लोकप्रियता को जनता में भुनाना चाह रही है। इन वर्चुअल रैली के जरिए लोगों को पार्टी से जोड़ने की प्रयास है। हालांकि भाजपा की कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनका सीधा लाभ गरीबों और जरूरतमंदों को मिल रहा है। यही वजह है कि विपक्ष के तमाम दुष्प्रचार के बावजूद भी जनता बीच बीजेपी की विश्वसनीयता बनी हुई हैं। जातीय समीकरण के चलते जो लोग दूसरी पार्टियों का समर्थन कर रहे हैं, वह भी मोदी की नीतियों के सामने नतमस्तक देखे जा रहे हैं।
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