UP Assembly Session: सीएम योगी (CM Yogi) ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर कटाक्ष करते हुए उन्हें मूल बजट और अनुपूरक बजट के बीच का अंतर समझाया। साथ ही उन्होंने शिवपाल (Shivpal Yadav) को भी आड़े हाथ लिया और मुहावरे के जरिए उन पर तंज कसा। सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि अनुपूरक बजट में परंपरागत बजट के लिए पैसे की मांग नहीं होती, बल्कि नई मांग के लिए पैसे की मांग होती है। इसमें गंगा एक्सप्रेस वे के लिए पैसा मांगा गया है। वह भी टेंडर के दौरान जीएसटी (GST) 12 फीसदी थी जो बढ़कर 18 फीसदी हो गई है, इसके लिए पैसा मांगा गया है। पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गोरखपुर लिंक आदि एक्सप्रेस वे के लिए पैसा नहीं मांगा गया है।
बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू,
लगा के आग बहारों की बात करते हैं।
जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं,
वही नसीब के मारों की बात करते हैं… pic.twitter.com/irHue83CjQ— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) December 1, 2023
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के बारे में कह रहे थे कि वह 6 हजार करोड़ का नहीं है, बल्कि कुल 35 सौ करोड़ का है। ये लिंक एक्सप्रेस वे लो लैंड एरिया से होकर गुजर रहा है। ये संत कबीरनगर और अंबेडकर नगर को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले एक्सप्रेस हाईवे और सड़कों की क्या स्थिति थी वो किसी से छिपा नहीं है। लोग कहते थे कि जहां से अंधेरा शुरू हो समझ लो यूपी आ गया। जहां से गड्ढे शुरू हो समझ लो यूपी आ गया। सीएम योगी ने कहा कि आज शिवपाल जी धन्यवाद भी देते हैं। शिवपाल (Shivpal Yadav) कहते हैं मैं भी ऐसा करना चाहता था मगर सपोर्ट नहीं मिला, तब मैं उनसे कहता हूं कि बचपन से ही गलत राह दिखाई है तो क्या होगा। बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय। बबूल का पेड़ लगाएंगे तो आम कैसे मिलेगा।
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सीएम योगी ने कहा कि हमारा मानना है कि दृष्टि लक्ष्य पर हो, और कदम रास्ते पर हो तो ऐसी कोई रास्ता नहीं है जो लक्ष्य तक ना जाता हो। हमने वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है ये सभी राह उसी तक पहुंचने के हैं। आपका कोई लक्ष्य नहीं था, ना कोई दृष्टि थी, इसीलिए दिशाहीन थे। प्रदेश को अपराध, दंगों और अराजकता का प्रदेश बना दिया था। नौजवानों के विश्वास को कुचलने का कार्य कर रहे थे। भर्ती में भाई-भतीजावाद कर रहे थे पूरी व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने पर उतारू थे। लेकिन आज प्रदेश का दृष्टिकोण बदला है। आज प्रदेश का औदयोगिक वातावरण किसी से छिपा नहीं है। इन्वेस्टर समिट कैसा होना चाहिए इसका उदाहरण फरवरी 2018 में हुए पहले यूपी इन्वेस्टर्स समिट से पता चल गया था।
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