विश्वनाथ की नगरी काशी अविनाशी की महिमा
पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं। ब्रह्माजी ने भगवान की आज्ञा से ब्रह्माण्ड की रचना की। तब दयालु शिव जी ने विचार किया कि कर्म-बंधन…
पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं। ब्रह्माजी ने भगवान की आज्ञा से ब्रह्माण्ड की रचना की। तब दयालु शिव जी ने विचार किया कि कर्म-बंधन…
Pauranik Katha: इन्द्र से वर प्राप्त करके रघुनन्दन राम महर्षि अगस्त्य के आश्रम में पहुँचे। वे शम्बूक वध की कथा सुनकर बहुत प्रसन्न हुये और उन्होंने विश्वकर्मा द्वारा दिया हुआ…
Pauranik Katha: त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने से देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना…
Prerak Katha: संत कबीर गांव के बाहर झोपड़ी बनाकर अपने पुत्र कमाल के साथ रहते थे। संत कबीर का रोज का नियम था- नदी में स्नान करके गांव के सभी…
Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…
Kahani: एक व्यक्ति ने नारदमुनि से पूछा, नारदजी आप तो परम् ज्ञानी है कृपया बताएं मेरे भाग्य में कितना धन है। नारदमुनि ने कहा- वत्स यह मैं भगवान विष्णु से…
Pauranik Katha: हम सभी इस सृष्टि के निर्माता के रूप में परमपिता भगवान ब्रह्मा को देखते हैं, जबकि संचालक की भूमिका भगवान विष्णु व संहारक महादेव स्वयं हैं। सृष्टि निर्माता…
Dharma News: भारत में प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों का विशेष महत्व रहा है। आज से सैकड़ों साल पहले ‘ऋषि’, ‘मुनि’, ‘महर्षि’ और ‘ब्रह्मर्षि’ समाज के पथ प्रदर्शक माने जाते…
Kahani: एक राजा ने घोषणा की कि जो धर्म श्रेष्ठ होगा, मैं उसे ही स्वीकार करूँगा और आगे बढ़ाने में मदद दूँगा। अब तो उसके पास अपने धर्म की श्रेष्ठता…
Maharishi Vedvyas: हमारे देश में कई बड़े-बड़े ऋषि ने जन्म लिया हैं, जिसमें से वेदव्यास (Maharishi Vedvyas) एक बड़े महात्मा ऋषि हैं। इनकी न जाने कितनी सारी बातें आज भी…