Poetry: अनुभूति के स्वर…
मैं चल रहा उस राह पर, जिस पर चलाया राम ने। है वही देता दिशा-दृष्टि, सृष्टि रचाई प्रभु नाम ने।। जो हो रहा होगा अभी जो, उसकी कृपा मय चाह…
मैं चल रहा उस राह पर, जिस पर चलाया राम ने। है वही देता दिशा-दृष्टि, सृष्टि रचाई प्रभु नाम ने।। जो हो रहा होगा अभी जो, उसकी कृपा मय चाह…