टीवी के ‘बहस वीर’
टेलीविजन न्यूज चैनलों पर हो रही बहसें डराने लगी हैं। चीख-चिल्लाहटों और शोर से भरा स्क्रीन अजीब से भाव जगा रहा है। संवाद और शास्त्रार्थ की संस्कृति में रचा-बसा समाज…
टेलीविजन न्यूज चैनलों पर हो रही बहसें डराने लगी हैं। चीख-चिल्लाहटों और शोर से भरा स्क्रीन अजीब से भाव जगा रहा है। संवाद और शास्त्रार्थ की संस्कृति में रचा-बसा समाज…
सुमित मेहता संस्थाओं के अपने सामाजिक दायरे होते हैं, सामाजिक सरोकार होते हैं। जब कोई इन दायरों को प्रभावित करने का कोशिश करता है, तो उस पर सवाल उठना लाजिमी…