Poetry: प्रातः नमन करें हम उनको

प्रातः नमन करें हम उनको जिनसे जीवन की गति चलती। जिनके होने से हम जग में जिनसे कर्म शक्ति है फलती।। नमन नित्य हम प्रातः करते परम प्रभू फिर धरती…

Kavita: राष्ट्र भक्ति का भाव

राष्ट्र भक्ति का भाव लिये हम आगे बढ़ते जायें l संघ मंत्र के बने पुरोधा समरस ज्योति जलायें ll सिंधु हिमालय से लेकर हिन्दु सागर तक एक l सभी उरों…

Kavita: एक दृष्टि

हरिशंकरी रोपित करो बनो हरियाली के मित्र जलवायु भी ठीक हो बदले धरती का चित्र बदले धरती का चित्र ताप भी कम हो जाये मानवता के साथ ही पशु पक्षी…

Poem: द केरल स्टोरी

केरला स्टोरी देखिए करिए दृढ़ संकल्प संस्कार दृढ़ नेम हों न छूटे कोई विकल्प शिक्षा ऊंची चाहिए आंख खोल कर देख मर्यादा टूटे न कभी खींचो लक्ष्मण रेख हो विकास…