Kahani: गुरु मिले तो बंधन छूटे

Kahani: एक पंडित प्रतिदिन रानी को कथा सुनाने महल में जाया करते थे। कथा के अंत में प्रतिदिन कहते कि- राम सुमर ले तो बंधन छूटे। कई दिन कथा सुनने…

Garuda Purana: मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है

Garuda Purana: मृत्यु के बाद आत्मा कैसे शरीर के बाहर जाता है? कौन प्रेत का शरीर प्राप्त करता है? क्या भगवान के भक्त प्रेत योनि में प्रवेश करते हैं? भगवान…

Pauranik Katha: सुलोचना को शेषनाग का श्राप

Pauranik Katha: एक बार लक्ष्मी माता ने शेषनाग को श्रीहरि विष्णु के हाथ पर बांध दिया। उन्होंने शेषनाग को कसकर श्रीहरि की कलाई पर बांध दिया जिससे उनके नेत्र से…

Pauranik Katha: दानवीर महाराज शिवि की कथा

Pauranik Katha: पुरुवंश में जन्मे उशीनर देश के राजा शिवि बड़े ही परोपकारी और धर्मात्मा थे। परम दानवीर राजा शिवि के द्वार से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता था।…

kahani: राम नाम की महिमा

kahani: एक बार एक गांव में बहुत से महात्मा आकर रूद्राभिषेक कर रहे थे और वट वृक्षों के पत्तों पर चंदन से श्रीराम का नाम लिखकर शिवजी को चढ़ा रहे…

नारदमोह कथा: नारद कैसे बने बंदर

Naradmoha Katha: नारद बड़े ही तपस्वी और ज्ञानी ऋषि हुए, जिनके ज्ञान और तप की माता पार्वती भी प्रशंसक थीं। तब ही एक दिन माता पार्वती श्रीशिव से नारद मुनि…

Prerak Prasang: भक्तवत्सल भगवान

Prerak Prasang: एक समय लक्ष्मी जी विष्णुजी को भोजन करा रही थी, विष्णुजी ने पहला ग्रास मुंह में लेने से पहले ही हाथ रोक लिया, और उठ कर चले गए।…

Pauranik Katha: पतिव्रता गान्धारी की कहानी

Pauranik Katha: संसार की पतिव्रता देवियों में गान्धारी का विशेष स्थान है। ये गन्धर्वराज सुबल की पुत्री और शकुनि की बहन थीं, इन्होंने कौमार्यावस्था में भगवान शंकर की आराधना करके…

Pauranik Katha: भगवान विष्णु की वजह से लक्ष्मी से जलती थीं उनकी बहन ज्येष्ठा

Pauranik Katha: समुद्र मंथन के दौरान लक्ष्मीजी से पहले उनकी बड़ी बहन ज्येष्ठा जिनका नाम दरिद्रा भी है, वह प्रकट हुई थीं। ज्येष्ठा विष्णु भगवान से विवाह करना चाहती थीं…

Pauranik Katha: सच्ची श्रद्धा ही तारती है

Pauranik Katha: एक बार नारद जी को किसी ब्राह्मण ने रोका व पूछा- क्या आप ईश्वर से भेंट करने जा रहे हैं? क्या आप उनसे पूछेंगे कि मुझे कब मुक्ति…

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