अंतरिक्ष का भी अनुसंधान कर रहे हैं विज्ञान और दर्शन
सम्पूर्ण प्रकृति से आत्मीय व्यवहार श्रेष्ठ है। प्रकृति की शक्तियाँ सुनिश्चित नियमों में गतिशील हैं। वैदिक पूर्वजों ने इस नियम को ऋत कहा है। प्रकृति की तरह मनुष्य को भी…
सम्पूर्ण प्रकृति से आत्मीय व्यवहार श्रेष्ठ है। प्रकृति की शक्तियाँ सुनिश्चित नियमों में गतिशील हैं। वैदिक पूर्वजों ने इस नियम को ऋत कहा है। प्रकृति की तरह मनुष्य को भी…
Pauranik Katha: जब लक्ष्मण ने अश्वमेघ यज्ञ के विशेष आग्रह किया तो श्री रामचन्द्र अत्यन्त प्रसन्न हुये और बोले- हे सौम्य! इस विषय में मैं तुम्हें राजा इल की कथा…
पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं। ब्रह्माजी ने भगवान की आज्ञा से ब्रह्माण्ड की रचना की। तब दयालु शिव जी ने विचार किया कि कर्म-बंधन…
Pauranik Katha: त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने से देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना…
Pauranik Katha: सरयू की उत्पत्ति के संबंध में ऐसी कथा प्राप्त होती है कि एक बार राजा इक्ष्वाकु ने वशिष्ठ जी से यह इच्छा प्रकट की कि इतनी बड़ी अयोध्या…
श्रीमन नारायण भगवान विष्णु को मानव रूप धारण करके श्रीराम के नाम से अवतरित होने का निर्णय हो चुका था। त्रेता युग के इस महाअवतार श्रीराम के समक्ष सबसे बड़ी…
Pauranik Katha: दुशाशन को जब भीम ने मार कर उसका रक्त पिया और द्रौपदी के केश उसके खून से धुलवाए तो दुर्योधन की आँखों में खून उतर आया उसने आव…
Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख और आनंदमय त्योहारों में से एक है। यह विशेष रूप से महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से…
Devshayani Ekadashi: आज देव शयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) है। यह लोकमंगल की तिथि है। सनातन हिंदू आर्य वैदिक परंपरा में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस…
Pauranik Katha: महर्षि वेदव्यास की महान रचना महाभारत ग्रंथ के प्रमुख पात्र भीष्म पितामह हैं। जिनके बारे में कहा जाता है कि वे एकमात्र ऐसे पात्र हैं जो महाभारत में…