Kahani: पेड़ का इनकार

Kahani: एक बड़ी सी नदी के किनारे कुछ पेड़ थे, जिसकी टहनियां नदी के धारा के ऊपर तक भी फैली हुई थीं। एक दिन एक चिड़ियों का परिवार अपने लिए…

Kahani: मौन की महत्ता

Kahani: एक मछलीमार कांटा डाले तालाब के किनारे बैठा था। काफी समय बाद भी कोई मछली कांटे में नहीं फँसी, न ही कोई हलचल हुई तो वह सोचने लगा, कहीं…

Kahani: समर्पण का भाव

Kahani: एक बार एक बेहद ख़ूबसूरत महिला समुद्र के किनारे रेत पर टहल रही थी। समुद्र की लहरों के साथ कोई एक बहुत चमकदार पत्थर छोर पर आ गया। महिला…

Pauranik Katha: बहुत कम लोगों को पता है रामायण की इस चौपाई का रहस्य

Pauranik Katha: श्रीरामकथा में श्रीराम के एवं भरत के चरित्र की मार्मिक कथाएँ पत्थर को भी पिघलाने वाली हैं। श्रीराम के वनगमन हो जाने तथा महाराज दशरथ के परलोक गमन…

Pauranik Katha: लंकाधीश रावण ने दक्षिणा में राम से मांगा था मोक्ष

Pauranik Katha: वाल्मीकि रामायण और तुलसीकृत रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी महर्षि कम्बन की इरामावतारम् में यह कथा है। रावण केवल शिवभक्त,…

Poetry: सूझ-बूझ कर कदम बढ़ाओ

कर्म धर्म कर्तव्य सुपथ है सतत साधना रत य़ह जीवन। सूझ-बूझ कर कदम बढ़ाओ कर्म योग साधक होवे मन।। ध्येय दृष्टि संकल्प तुम्हारा साधक पूर्ण सदा फलित हो। कृति सर्वोत्तम…

Poetry: आज दशहरा पर्व है

नील कंठ का ध्यान कर शिव को करिए याद। हो सत्यम शिवम सुन्दरम नित घर घर में संवाद।। हित जिससे देवत्व का मिलि कीजे सोई काज। जिमि मानवता रक्षित रहे…

Pauranik Katha: महादेव का वरदान से गजासुर भक्त से बन गया बेटा

Pauranik Katha: गज और असुर के संयोग से एक असुर का जन्म हुआ। उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर कहा जाने लगा। गजासुर शिवजी का बड़ा भक्त…

Kahani: मन का भूत

Kahani: एक तांत्रिक ने एक बार एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया। संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई। सेठ ने उससे पूछा- भाई यह क्या है,…

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