Kahani: माता-पिता का प्यार और बच्चे की सोच

Kahani: पिताजी एक माह से बीमार थे। उनके व माँ के कई बार फोन आ चुके थे, किन्तु मैं गाँव नहीं जा पाया। सच कहूँ तो मैं छुट्टियाँ बचने के…

Kahani: माँ

Kahani: मां वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत। बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका एक…

Kavita: माँ सुबह का सूरज होती है

माँ भोर में उठती है कि माँ के उठने से भोर होती है ये हम कभी नहीं जान पाये। बरामदे के घोसले में बच्चों संग चहचहाती गौरैया माँ को जगाती…

Kahani: पुण्य और कर्तव्य की कहानी

Kahani: एक बार की बात है, एक बहुत ही पुण्य व्यक्ति अपने परिवार सहित तीर्थ के लिए निकला। कई कोस दूर जाने के बाद पूरे परिवार को प्यास लगने लगी।…

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