Kahani: स्वभाव बदलने की जड़ी-बूटी

Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध संन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था। वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी।…

Pauranik Katha: कैकेयी को दंड

Pauranik Katha: एक दिन संध्या के समय सरयू के तट पर तीनों भाइयों संग टहलते श्रीराम से भरत ने कहा, “एक बात पूछूं भइया? माता कैकई ने आपको वनवास दिलाने…

Kahani: घर वापसी

Kahani: एक बार एक पुत्र अपने पिता से रूठ कर घर छोड़ कर दूर चला गया और फिर इधर उधर यूँ ही भटकता रहा। दिन बीते, महीने बीते और साल…

Pauranik Katha: कुबेर का अहंकार

Pauranik Katha: यह एक पौराणिक कथा है। कुबेर तीनों लोकों में सबसे धनी थे। एक दिन उन्होंने सोचा कि हमारे पास इतनी संपत्ति है, लेकिन कम ही लोगों को इसकी…

Kahani: परहित का चिंतन

Kahani: एक राजा था जिसे शिल्प कला अत्यंत प्रिय थी। वह मूर्तियों की खोज में देश-परदेस जाया करता थे। इस प्रकार राजा ने कई मूर्तियाँ अपने राज महल में लाकर…

Kahani: बाज की सीख

Kahani: एक बार एक शिकारी जंगल में शिकार करने के लिए गया। बहुत प्रयास करने के बाद उसने जाल में एक बाज पकड़ लिया। शिकारी जब बाज को लेकर जाने…

Pauranik Katha: भक्त से निंदा सुन मुस्कुराए भोलेनाथ

Pauranik Katha: एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माँ पार्वती बैठे हुए थे। शिव जी ध्यान लगा कर बैठे थे। तभी पार्वती जी ने देखा कि वे मन्द-मन्द…

Pauranik Katha: शिव-पार्वती के पुत्र अंधक की कथा

Pauranik Katha: वामन पुराण के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती घूमते हुए काशी पहुंच गए। वहां पर भगवान शिव अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर करके बैठे…

Kahani: इत्र की महक

Kahani: मथुरा में एक संत रहते थे। उनके बहुत से शिष्य थे। उन्हीं में से एक सेठ जगतराम भी थे। जगतराम का लंबा चौड़ा कारोबार था। वे कारोबार के सिलसिले…

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