Kahani: परहित का चिंतन

Kahani: एक राजा था जिसे शिल्प कला अत्यंत प्रिय थी। वह मूर्तियों की खोज में देश-परदेश जाया करता था। इस प्रकार राजा ने कई मूर्तियाँ अपने राज महल में लाकर…

Prerak Prasang: प्रारब्ध

Prerak Prasang: एक व्यक्ति हमेशा ईश्वर के नाम का जाप किया करता था। धीरे-धीरे वह काफी बुजुर्ग हो चला था इसीलिए एक कमरे में ही पड़ा रहता था। जब भी…

Kahani: मनुष्य की आदतें उसकी असलियत बता देती हैं

Kahani: राजा के दरबार में एक आदमी नौकरी मांगने के लिए आया। उससे उसकी क़ाबलियत पूछी गई। तो वो बोला, मैं आदमी हो, चाहे जानवर, शक्ल देख कर उसके बारे…

Kahani: मनुष्य का प्रारब्ध ही उसका भाग्य होता है

Kahani: एक व्यक्ति ने नारदमुनि से पूछा, नारदजी आप तो परम् ज्ञानी है कृपया बताएं मेरे भाग्य में कितना धन है। नारदमुनि ने कहा- वत्स यह मैं भगवान विष्णु से…

Kahani: जीवन में परेशानियां तो लगी ही रहेंगी

Kahani: एक व्यक्ति था। उसके पास नौकरी, घर-परिवार, रुपया-पैसा, रिश्तेदार और बच्चे सभी कुछ था। कहने का सार यह है उस व्यक्ति के पास किसी चीज़ की कोई कमी नहीं…

Kahani: शरारती लड़के को जुलाहे की सीख

Kahani: एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा मिलनसार था। उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को…

Kahani: एक चुटकी जहर रोजाना

Kahani: आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ। वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि…

Kahani: मैं से बचो

Kahani: एक राजा था उसने परमात्मा को खोजना चाहा। वह किसी आश्रम में गया। उस आश्रम के प्रधान साधु महाराज ने कहा- जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे छोड़ दो।…