Kahani: ईश्वर की सच्ची भक्ति

Kahani: एक पुजारी थे, ईश्वर की भक्ति में लीन रहते थे। सबसे मीठा बोलते और सबका खूब सम्मान करते। लोग भी उन्हें अत्यंत श्रद्धा एवं सम्मान भाव से देखते थे।…

Kahani: पिता का आशीर्वाद

Kahani: जब मृत्यु का समय निकट आया तो पिता ने अपने एकमात्र पुत्र धर्मपाल को बुलाकर कहा कि बेटा मेरे पास धन-संपत्ति नहीं है कि मैं तुम्हें विरासत में दूं।…

Kahani: चार मोमबत्तियां

Kahani: रात का समय था। चारों ओर पूरा अंधेरा छाया हुआ था। केवल एक ही कमरा प्रकाशित था। वहाँ चार मोमबत्तियाँ जल रही थी। चारों मोमबत्तियाँ एकांत देख आपस में…

Pauranik Katha: सत्यवान और सावित्री की कथा

Pauranik Katha: भद्र देश के एक राजा थे, जिनका नाम अश्वपति था। भद्र देश के राजा अश्वपति के कोई संतान न थी। उन्होंने संतान की प्राप्ति के लिए मंत्रोच्चारण के…

Kahani: विश्वास

Kahani: एक डाकू था जो साधु के भेष में रहता था। वह लूट का धन गरीबों में बाँटता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का जुलूस उस डाकू के ठिकाने से…

Kahan: मन मैला और तन को धोएं

Kahan: कुंभ स्नान चल रहा था। राम घाट पर भारी भीड़ लगी थी। शिव पार्वती आकाश से गुजरे। पार्वती जी ने इतनी भीड़ का कारण पूछा आशुतोष ने कहा, कुम्भ…

Kahani: गुरु मिले तो बंधन छूटे

Kahani: एक पंडित प्रतिदिन रानी को कथा सुनाने महल में जाया करते थे। कथा के अंत में प्रतिदिन कहते कि- राम सुमर ले तो बंधन छूटे। कई दिन कथा सुनने…

Other Story